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Lucknow: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार विशेष संचारी रोगों और दिमागी बुखार के प्रति न सिर्फ कड़े कदम उठा रही है, बल्कि निकायों में चलाए जा रहे अभियान की लखनऊ से प्रतिदिन मॉनिटरिंग भी की जा रही है. हर निकाय में चलाए जा रहे अभियान को लेकर नगरीय निकाय निदेशालय की ओर से सभी नगर आयुक्तों, जलकल विभाग, जल संस्थान के सभी महाप्रबंधकों एवं समस्त अधिशाषी, प्रभारी अधिकारी और नगर पालिका परिषद को प्रतिदिन किए गए कार्यों की रिपोर्ट निदेशालय को भेजने के लिए कहा गया है. यही नहीं, हर शनिवार अभियान की समाप्ति के बाद संकलित रिपोर्ट निदेशालय के साथ ही शासन को भी उपलब्ध करायी जाएगी.
उल्लेखनीय है कि योगी सरकार जुलाई में पूरे उत्तर प्रदेश में विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान और दिमागी बुखार के प्रति जागरूकता लाने के लिए व्यापक पैमाने पर अभियान चला रही है. संचारी रोग अभियान की शुरुआत 1 जुलाई से हो गई है, जबकि दस्तक अभियान 17 जुलाई से 31 जुलाई तक चलाया जाएगा.
नगरीय निकाय निदेशालय के निदेशक डॉ. नितिन बंसल के निर्देशानुसार हर निकाय में निर्धारित माइक्रोप्लान के अनुरूप समस्त अधिकारी अपने-अपने निकायों के वार्डों के मोहल्लों में विशेष साफ सफाई, कचरा निस्तारण, सेनेटाइजेशन, फॉगिंग, एंटी लार्वा छिड़काव, नालियों की सफाई, गार्बेज निस्तारण, हैण्डपम्प मरम्मत, स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता एवं असुरक्षित जल का चिन्हिकरण, जल भराव रोकने और शुद्ध पेयजल की उपलब्धता पर विशेष जोर देते हुए प्रभावी व समयबद्ध कार्यवाही सुनिश्चित कराएंगे साथ ही ये भी कहा गया है कि अपने निकाय के क्षेत्रों में योजना के अनुसार अभियान के दौरान किए गए कार्यों व संपन्न गतिविधियों के संबंध में संकलित रिपोर्ट प्रतिदिन निदेशालय के ई-मेल और गूगल लिंक पर उपलब्ध करना सुनिश्चित करें तथा प्रत्येक शनिवार को साप्ताहिक एवं अभियान समाप्ति के बाद रिपोर्ट को संकलित कर संचारी रोग इकाई स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय एवं शासन व निदेशालय को 5 अगस्त से पूर्व ई-मेल के माध्यम से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें.
– नगरीय निकाय के चुने हुए जनप्रतिनिधियों का दिमागी बुखार एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों तथा जलजनित रोगों की रोकथाम तथा साफ-सफाई के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से संवेदीकरण
– नगरीय क्षेत्र में मोहल्ला निगरानी समितियों के माध्यम से दिमागी बुखार एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों तथा जल जनित रोगों के विषय में निरंतर जागरूकता स्थापित रखना.
– शहरी क्षेत्रों में फॉगिंग करवाना, स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई हाई रिस्क क्षेत्रों की सूची में उल्लिखित स्थानों पर सघन वेक्टर नियंत्रण एवं संवेदीकरण गतिविधियों संपादित कराना.
– नगरीय क्षेत्रों में वातावरणीय तथा व्यक्तिगत स्वच्छता के उपायों जैसे खुले में शौच न करने, शुद्ध पेयजल के प्रयोग तथा मच्छरों की रोकथाम हेतु जागरूकता अभियान संचालित करना.
– खुली नालियों को ढकने की व्यवस्था, नालियों / कचरों की सफाई करवाना.
– उथले हैण्डपम्पों का प्रयोग रोकने के लिये उन्हें लाल रंग से चिन्हित किया जाना.
– हैंडपंपों के पाइप को चारों ओर से कंकरीट से बन्द करना.
– हैंडपंपों के पास अपशिष्ट जल के निकलने हेतु सोकपिट का निर्माण.
– शुद्ध पेयजल की गुणवत्ता की निगरानी के लिए बैक्टीरियोलॉजिकल / वायरोलॉजिकल जांच.
– आबादी में मिनी पब्लिक वाटर सप्लाई (MPWS) टैंक टाईप स्टैंड पोस्ट (TTSP) की मानकों के अनुसार स्थापना एवं अनुरक्षण.
– जल भराव तथा वनस्पतियों की वृद्धि को रोकने के लिए सड़कों का निर्माण करना.
– सड़कों के किनारे उगी वनस्पतियों को नियमित रूप से हटाया जाना
– शहरी क्षेत्रों एवं शहरी मलिन बस्तियों के संवेदनशील आबादी समूहों में अपनी गतिविधियों को केंद्रित करना.
– संवेदनशील क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर खुले में शौच से मुक्त (ODF) करना.
– संवेदनशील क्षेत्रों तथा शहरी मलिन बस्तियों में विभागीय गतिविधियों की प्रगति आख्या भौतिक प्रगति के अभिलेखीकरण के साथ तैयार करना.
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