Health Tips: ह्रदय की सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी है, विशेषकर तब जब हाल के वर्षों में कम उम्र के लोगों की गंभीर ह्रदय रोगों के कारण मृत्यु के मामले सामने आए है. माना जाता है कि कई कारणों से समय के साथ हमारा ह्रदय कमजोर होता जा रहा है. आमतौर पर ह्रदय रोगों को पहले उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्या के तौर पर जाना जाता था पर अब कम उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक और इसके कारण मृत्यु का जोखिम देखा जा रहा है. ऐसे में सभी लोगों को इससे सावधानी बरतने की आवश्यकता है. तो आएइ ह्रदय से जुड़ी कुछ ऐसी समस्याओं के बारे में जानते है.
दिल से जुड़ी बीमारियों को लेकर अफवाहें
लोगों का मानना है कि दिल की बीमारियां सिर्फ पुरुषों में होती है, लेकिन यह सच नहीं है ये महिलाओं में भी मृत्यु का मुख्य कारण है. हकीकत में ह्रदय रोग हर साल स्तन कैंसर की तुलना में अधिक महिलाओं की जान लेता है. मेनोपॉज के बाद महिलाओं में भी पुरुषों की तरह दिल का दौरा पड़ने का समान रूप से खतरा होता है.
हाइ कोलेस्ट्रोल ह्रदय रोग के लिए जिम्मेदारी
कई लोग ये मानते हैं कि सिर्फ कोलेस्ट्रोल बढ़ने से ही दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ती है. यह बात सही है कि कोलेस्ट्रोल के कारण दिल की बीमारियां बढ़ती है, लेकिन यह सिर्फ इकलौता कारण नहीं है. बीपी, धूम्रपान, डायबिटीज, दिल की बीमारियों का पारिवारिक इतिहास, मोटापा, शारीरीक व्यायाम में कमी भी इसका कारण हो सकते है. जिन लोगों का कोलेस्ट्रोल कम होता है उनमें भी दिल की बीमारियों की संभावना कम होती है.
ह्रदय रोग के बाद एक्सरसाइज करना सही नहीं
कई लोग यह मानते हैं कि ह्रदय रोग होने के कारण अब वह एक्सरसाइज नहीं कर सकते हैं. लेकिन यह पूरी तरह से सच नहीं है. नियमित रूप से एक्सरसाइज जरूरी है. एक्सरसाइज ह्रदय की मांसपेशियों को मजबूत करने और रक्तचाप और कोलेस्ट्रोल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है. हालांकि ह्रदय रोग वालों को इंटेंस वर्कआउट की मनाही होती है. ऐसे में किसी भी तरह के वर्कआउट शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है.
-भारत एक्सप्रेस
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