मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) ने विजयादशमी के अवसर पर अपनी 15 सदस्यीय राष्ट्रीय संयोजक मंडल की ऑनलाइन मीटिंग आयोजित की, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए और विश्व शांति और सौहार्द्र का संदेश दिया गया.
बैठक में देश और दुनिया में शांति, समावेशिता, और पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया गया. मंच के राष्ट्रीय संयोजक और मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने बताया कि यह अवसर हमें सत्य, धर्म, और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है और हमें युद्ध और विभाजन के खिलाफ एकजुट होकर मानवता की रक्षा के लिए काम करने की आवश्यकता है. आज संपूर्ण संसार के लोगों को अपने अंदर के रावण को मारना जरूरी है.
खिलवाड़ कब तक करते रहेंगे?
शाहिद सईद ने कहा कि विश्व के सभी धर्मों ने शांति, प्रेम और अहिंसा का संदेश दिया है. मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने सनातन धर्म में अहिंसा का पाठ पढ़ाया, तो इस्लाम में पैगंबर मोहम्मद ने शांति और सद्भावना का पैगाम दिया. गुरुनानक की गुरुवाणी, महात्मा बुद्ध, जैन मुनियों और निरंकारी समाज ने भी मानवता और प्रेम की बात कही है. ईसा मसीह ने भी अमन और शांति का मार्ग अपनाया. लेकिन सवाल यह है कि जब सभी धर्म और समुदाय एकता और सौहार्द का संदेश देते हैं, तो हम अपने अंदर के ‘शैतान’ को क्यों नहीं हरा पाते? हम मानवता और ईश्वर की बनाई दुनिया के साथ खिलवाड़ कब तक करते रहेंगे?
शांति और सौहार्द की अपील
बैठक में मंच ने युद्ध से जूझ रहे देशों जैसे इजरायल-फिलिस्तीन, यूक्रेन-रूस, और ईरान-तुर्की के हालात पर गहरी चिंता व्यक्त की. राष्ट्रीय संयोजक डॉ. शाहिद अख्तर ने कहा, “युद्ध से न केवल मानव जीवन का विनाश होता है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और नैतिक धरोहर को भी चोट पहुंचाता है.” मंच ने इन युद्धग्रस्त देशों के नेताओं को आपसी समझ और सहयोग के माध्यम से शांति का मार्ग अपनाने की अपील की. डॉक्टर अख्तर ने मंच के अंतरराष्ट्रीय अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच शांति के पैगाम को पूरे विश्व में फैलाने के लिए कार्य करेगा.
चीन के विस्तारवाद की निंदा
बैठक में चीन के विस्तारवाद नीति की भी निंदा की गई. मंच ने कहा कि चीन की आक्रामकता और विस्तारवादी नीति न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल रही है, बल्कि यह वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए भी गंभीर चुनौती बन गई है. हम सभी देशों से अपील करते हैं कि वे चीन के इस विस्तारवादी रवैये का विरोध करें और सामूहिक रूप से विश्व शांति को बनाए रखने के लिए कदम उठाएं.
-भारत एक्सप्रेस