

आम आदमी पार्टी: मकोका मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बलियान ने निचली अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. दिल्ली हाई कोर्ट बलियान की ओर से दायर जमानत याचिका पर 20 जनवरी को सुनवाई कर सकता है. मकोका मामले के सिलसिले में 4 दिसंबर को गिरफ्तार किए गए बाल्यान को पहले जबरन वसूली के एक मामले में जमानत दी गई थी.
बालियान की जमानत याचिका का विरोध
15 जनवरी के अपने आदेश में विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के नेतृत्व वाली निचली अदालत ने कहा कि बाल्यान को एक संगठित अपराध सिंडिकेट से जोड़ने के पर्याप्त सबूत हैं. अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि बाल्यान समूह के सदस्य के रूप में चल रही गैरकानूनी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल प्रतीत होता है. दिल्ली पुलिस ने 8 जनवरी की सुनवाई के दौरान बालियान की जमानत याचिका का विरोध किया था,
जिसमें उन पर कपिल सांगवान के नेतृत्व वाले अपराध सिंडिकेट के लिए “सुविधाकर्ता” के रूप में काम करने का आरोप लगाया गया था. विशेष लोक अभियोजक अखंड प्रताप सिंह ने तर्क दिया कि बालियान ने अपराध के बाद सिंडिकेट के सदस्यों में से एक को वित्तपोषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे उन्हें गिरफ्तारी से बचने में मदद मिली. अभियोजन पक्ष ने यह भी चिंता जताई कि जमानत देने से बालियान को गवाहों को प्रभावित करने, सबूत नष्ट करने और जांच में बाधा डालने का मौका मिल सकता है.
सांगवान के सदस्यों के खिलाफ 16 FIR दर्ज
पुलिस ने सांगवान के सिंडिकेट के सदस्यों के खिलाफ 16 FIR दर्ज की हैं, जिसमें उन पर दिल्ली भर में जबरन वसूली, हिंसा और अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. बचाव पक्ष का तर्क है कि बालियान को आपराधिक गतिविधियों से सीधे जोड़ने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं, लेकिन अदालत ने अभियोजन पक्ष के तर्कों को अधिक ठोस पाया और उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
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-भारत एक्सप्रेस
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