
Lakhimpur Kheri Violence Case: लखीमपुर खीरी 2021 हिंसा से संबंधित कथित हत्या के मामले में आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा को मिली जमानत को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी के SP को निर्देश दिया है कि आशीष मिश्रा की ओर से गवाहों को प्रभावित करने के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने चार सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है. पीड़ित परिवारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आशीष मिश्रा की जमानत को रद्द करने की मांग की है.
जमानत की शर्तों का पालन करने का दिया निर्देश
पिछली सुनवाई में आशीष मिश्रा की ओर से पेश वकील ने कहा था कि तस्वीरों में आशीष मिश्रा नही है. कोर्ट ने आशीष मिश्रा के वकील से पूछा था कि आप अपनी बात हलफनामे पर क्यों नही कहते? जिसपर आशीष मिश्रा के वकील ने कहा था कि हर बार हमारे खिलाफ कोई न कोई अर्जी दाखिल कर दी जाती है.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने आशीष मिश्रा की ओर से पेश वकील से कहा था कि जमानत शर्तो का सख्ती से पालन करना होगा. वही पीड़ितों की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को मिश्रा को जमानत दी थी. साथ ही जमानत की शर्तों का पालन करने का निर्देश दिया था और उन्हें तय तारीख से केवल एक दिन पहले अपने मुकदमे के स्थान पर जाने की अनुमति दी थी. लेकिन वह एक अक्टूबर को (लखीमपुर खीरी) ऐसे गए जैसे दो अक्टूबर को राष्ट्रीय अवकाश वाले दिन सुनवाई हो. जबकि अगले दिन अदालत बंद थी और उन्होंने एक अक्टूबर को एक विशाल सार्वजनिक रैली को संबोधित किया.
कोर्ट ने आशीष मिश्रा पर लगाई कई शर्ते
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते समय आशीष मिश्रा पर कई शर्ते लगा रखा है. आशीष मिश्रा को रिहाई से एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश छोड़ना होगा. वह यूपी, दिल्ली या दिल्ली एनसीआर में नही रह सकते है. उन्हें अदालत को अपने स्थान के बारे में सूचित करना होगा, कोर्ट ने पासपोर्ट सरेंडर करने, गवाहों को प्रभावित ना करने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ नही करने का आदेश दिया था.
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-भारत एक्सप्रेस
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