सुप्रीम कोर्ट.
Congress Plea in Supreme Court: कांग्रेस ने चुनाव आयोग के नियमों में बदलाव को लेकर केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कांग्रेस के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट चुनावी प्रक्रिया की तेजी से खत्म हो रही अखंडता को बहाल करने में मदद मिलेगी. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक निकाय है. इस पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी है. इसलिए इसे एकतरफा और सार्वजनिक विचार-विमर्श के बिना इतने महत्वपूर्ण नियम में इतनी निर्लज्जता से संशोधन करने की इजाजत नही दी जा सकती.
रमेश ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया में सत्यनिष्ठा तेजी से कम हो रही है और उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इसे बहाल करने में मदद करेगा. चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 93 अनुबंधों के मुताबिक चुनाव से संबंधित सभी कागजात सार्वजनिक निरीक्षण के लिए रखे जाएंगे. लेकिन केंद्र सरकार द्वारा इसमें संशोधन किया है. इसके तहत अब नियम 93 की शब्दावली में कागजातों के बाद जैसा कि इन नियमों में निदिष्ट है शब्द जोड़े गए हैं.
निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961, में हाल के संशोधनों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक रिट दायर की गई है.
चुनाव आयोग एक संवैधानिक निकाय है. इस पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी है, इसलिए इसे एकतरफा और सार्वजनिक विचार-विमर्श के बिना इतने महत्वपूर्ण नियम में…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 24, 2024
बता दें कि केंद्र सरकार ने सीसीटीवी कैमरा और वेबकास्टिंग फुटेज के साथ-साथ उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोकने के लिए चुनाव नियमों में बदलाव किया है. सरकार का कहना है कि ऐसा करने के पीछे उसका मकसद इनका दुरुपयोग रोकना है.
पोलिंग स्टेशन के CCTV फुटेज से छेड़छाड़
अधिकारियों ने बताया था कि AI के इस्तेमाल से पोलिंग स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज से छेड़छाड़ करके फेक नैरेटिव फैलाया जा सकता है. बदलाव के बाद भी ये कैंडिडेट्स के लिए उपलब्ध रहेंगे. अन्य लोग इसे लेने के लिए कोर्ट जा सकते है. नियम में बदलाव के बाद 21 दिसंबर को कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर चुनावी प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा खत्म करने का और पारदर्शिता कमजोर करने का आरोप लगाया था.
-भारत एक्सप्रेस
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