
सुप्रीम कोर्ट. (फोटो: IANS)
CJI संजीव खन्ना को लेकर झारखंड के गोड्डा से चार बार के सांसद निशिकांत दुबे द्वारा की गई टिप्पणी के बाद पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है.
वही दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के एक एडवोकेट ऑन रेकॉर्ड ने निशिकांत दुबे के खिलाफ अवमानना कार्यवाही को लेकर भारत के अटॉर्नी जनरल को पत्र लिखा है. एओआर ने न्यायालय की अवमानना अधिनियम की धारा 15 (बी) के तहत यह पत्र लिखा है.
निशिकांत दुबे का विवादित बयान सोशल मीडिया पर वायरल
पत्र में कहा गया है कि निशिकांत दुबे का बयान बहुत अपमानजनक और भड़काऊ है. बता दें कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधा. दुबे ने पोस्ट में लिखा, “कानून यदि सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगा, तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए.”” इसके बाद निशिकांत दुबे ने मीडिया से बात करते हुए मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को लेकर एक और विवादित बयान दे डाला.
उन्होंने मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इस देश में जितने भी गृह युद्ध हो रहे हैं उसके लिए केवल चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना ही जिम्मेदार है. उन्होंने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमा से बाहर जा रहा है और देश में धार्मिक युद्ध भड़काने का जिम्मेदार भी वही है. वही बीजेपी के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि भारत के संविधान के अनुसार, कोई भी लोकसभा और राज्यसभा को निर्देशित नहीं कर सकता है.
इन दोनों नेताओं के बयान के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा के न्यायपालिका एवं सीजेआई संजीव खन्ना पर दिए गए बयान से भारतीय जनता पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि यह उनका व्यक्तिगत बयान है. पार्टी ऐसे बयानों से कोई इत्तेफाक नहीं रखती और न ही ऐसे बयानों का समर्थन करती है. बीजेपी सदैव ही न्यायपालिका का सम्मान करती है.
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-भारत एक्सप्रेस
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