
अदालत ने उसके आदेश के बावजूद पिता से वसीयत में मिले जमीन का भाई-बहन के नाम पंजीकृत नहीं करने के मामले में कापसहेड़ा के सब रजिस्ट्रार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. द्वारका कोर्ट के सिविल जज निशांत बांगड़ ने इसको लेकर सब रजिस्ट्रार से 4 अप्रैल को पेश होकर इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देने को कहा है.
अदालत ने सब रजिस्ट्रार से कहा है कि क्यों न इस मामले को अदालती आदेश का अवहेलना माना जाए और उसके जुर्म में उनके ऑफिस को जब्त करने का या उन्हें जेल में भेजने का आदेश दिया जाए.
मामले के अनुसार दीनपुर गांव, नजफगढ़ की एक संपत्ति के मालिक एसपी स्वामी ने अपने दो बच्चों पुत्री विद्या लक्ष्मी व पुत्र प्रदीप नायर के नाम अपनी जमीन को रजिस्र्टड करवाने के लिए सब-रजिस्ट्रार के समक्ष एक रिलीज डीड पेश की थी. लेकिन सब रजिस्ट्रार ने उस रिलीज़ डीड को रजिस्र्टड करने से इनकार कर दिया. तब दोनों ने अपने अधिवक्ता उमेश यादव के माध्यम से अदालत का रूख किया.
कोर्ट का आदेश और उसकी अवहेलना
सिविल जज ने कहा कि सब रजिस्ट्रार को बिना किसी एतराज के दस्तावेज को रजिस्र्टड करना चाहिए. उसे इसपर एतराज करने का कोई हक नहीं है. उन्होंने फिर सब रजिस्ट्रार से इस दस्तावेज को तुरंत रजिस्टर करने का आदेश दिया था. दो महीने बीत जाने के बाद भी सब रजिस्ट्रार ने डीड को रजिस्ट्रर नहीं किया तो वे दोनों उत्तराधिकारी फिर से अदालत चले गए और आवेदन दाखिल किया.
जज ने फिर कापसहेड़ा के सब रजिस्ट्रार को कोर्ट नोटिस जारी कर आदेश दिया कि आगामी तारीख 4 अप्रैल 2025 को स्वयं कोर्ट में हाजिर हो कर बताए कि कोर्ट आदेश का पालन न करने पर क्यों न उसे जेल भेज दिया जाए व उस के कार्यालय के सामान को जब्त कर दिया जाए.
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-भारत एक्सप्रेस
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