

वर्ष 2023 में संसद सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार नीलम आज़ाद की जमानत याचिका पर अब 29 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट सुनवाई करेगा. यह याचिका न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ के समक्ष रखी जाएगी. कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि आज़ाद की याचिका पर सुनवाई सह-आरोपी मनोरंजन डी की याचिका के साथ की जाएगी.
पीठ ने इस मामले में पुलिस से पूछा कि क्या बाज़ार में आमतौर पर मिलने वाले स्मोक कैन, जो जानलेवा नहीं होते, पर यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) लगाया जा सकता है? कोर्ट ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर ऐसा है तो होली और आईपीएल जैसे आयोजनों में इनका उपयोग करने वाले भी इस कानून के दायरे में आएंगे.
घटना की पृष्ठभूमि
13 दिसंबर 2023 को संसद पर 2001 के हमले की बरसी पर चार आरोपियों ने संसद भवन की सुरक्षा को चकमा देकर प्रदर्शन किया था. सागर शर्मा और मनोरंजन डी लोकसभा कक्ष में कूदे और स्मोक कैन से पीला धुआं छोड़ते हुए नारे लगाए, जबकि अमोल शिंदे और नीलम आज़ाद ने बाहर “तानाशाही नहीं चलेगी” के नारे लगाए.
जमानत याचिका में दलीलें
नीलम आज़ाद ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि उन्होंने कोई हिंसक कृत्य नहीं किया और उन पर यूएपीए लागू नहीं होना चाहिए. वहीं, दिल्ली पुलिस ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह कृत्य देश की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ है.
-भारत एक्सप्रेस
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