
भाजपा नेता कुलदीप सिंह सेंगर
दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर को स्वास्थ्य के आधार पर फिर से अंतरिम जमानत दे दिया है. कोर्ट ने एम्स में सर्जरी के लिए सेंगर को 50 हजार रुपये की निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि वह अगर सेंगर का 24 जनवरी को सर्जरी नही होती हैं तो उसी दिन सरेंडर करना होगा. अगर सर्जरी हुई तो 27 जनवरी को सरेंडर करना होगा. कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि सेंगर जिस वार्ड में भर्ती होंगे वहां पर दिल्ली पुलिस का एक कांस्टेबल तैनात रहेगा.
स्वास्थ्य आधार पर मिली अंतरिम जमानत
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी साफ कर दिया है कि इसके बाद अंतरिम जमानत की अवधि को नही बढ़ाया जाएगा. मामले की सुनवाई के दौरान एम्स ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी है. जिसको रिकॉर्ड पर लेते हुए कोर्ट ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट एम्स द्वारा सत्यापित किया गया है और वह सही है.
दूसरी ओर चिकित्सा आधार पर सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित करने की मांग वाली सेंगर की नई अर्जी पर सीबीआई और पीड़ित पक्ष को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इससे पहले मेडिकल ग्राउंड पर 30 जनवरी तक अंतरिम जमानत दिया था. जिसकी अवधि को बढ़ाने से कोर्ट ने इनकार कर दिया था.
जस्टिस प्रतिभा सिंह ने कुलदीप सिंह सेंगर के अनुरोध को नामंजूर करते हुए आत्मसमर्पण करने को कहा था. सीबीआई ने अंतरिम जमानत की अवधि को बढ़ाए जाने का विरोध किया था. सीबीआई ने कहा था कि परिस्थितियों में कोई बदलाव नही हुआ है. सीबीआई ने कहा कोर्ट ने जमानत देते समय कहा था कि आगे अंतरिम जमानत का विस्तार नही किया जाएगा.
सेंगर को 10 साल की सजा और जुर्माना
बता दें कि कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप है कि साल 2017 में पीड़ित का अपहरण कर उससे बलात्कार करने का दोष साबित हुआ था. घटना के समय पीड़ित नाबालिग थी. 13 मार्च 2020 को निचली अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को बलात्कार पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में 10 साल की कठोर सजा और 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
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-भारत एक्सप्रेस
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