
दिल्ली हाईकोर्ट (प्रतीकात्मक फोटो)

दिल्ली हाई कोर्ट ने पशुओं के खिलाफ यौन अपराध में शामिल लोगों पर मुकदमा चलाने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट जुलाई में सुनवाई करेगा. दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और तुषार राव गेडेला की पीठ इस मामले में सुनवाई कर रही है.
कोर्ट 16 जुलाई को मामले को सूचिबद्ध करने को कहा है. उससे पहले याचिकाकर्ता को आरोपो से.संबंधित कुछ और तथ्य अदालत के रिकॉर्ड पर लाना होगा. यह जनहित याचिका भारतीय पशु संरक्षण संगठन महासंघ (एफआईएपीओ) की ओर से दायर की गई है. याचिका में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत आईपीसी की धारा 377 (अप्राकृतिक यौन अपराध) को पूर्ण रूप से निरस्त करने का मुद्दा उठाया है.
याचिका में कहा गया है कि नवतेज सिंह जौहर के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सहमति से समलैंगिक संबंधों को अपराधमुक्त करने के लिए आईपीसी की धारा 377 को सही तरीके से पढ़ा था, लेकिन बीएनएस से इसे पूरी तरह से हटाने से अनजाने में पशुओं के विरुद्ध यौन हिंसा अपराधमुक्त हो गई.
दायर जनहित याचिका में राष्ट्रीय राजधानी में दर्ज कुछ मामलों का भी उल्लेख किया गया है. इसके अलावा कोयंबटूर की एक घटना का भी जिक्र किया गया है जहां एक मजदूर को कुत्ते का करते हुए पाया गया. जबकि दिल्ली के शाहदरा में.एक व्यक्ति को कई कुत्तों के.साथ कथित रूप से बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
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-भारत एक्सप्रेस
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