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Tree Transplantation: सुप्रीम कोर्ट परिसर विस्तार के लिए पेड़ों के ‘प्रत्यारोपण’ पर दिल्ली HC ने वन विभाग से मांगा जवाब

दिल्ली हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट परिसर के विस्तार के लिए 26 पेड़ों के प्रत्यारोपण पर वन विभाग को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई 31 जनवरी को तय की.

delhi high court

दिल्ली हाईकोर्ट.

Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट परिसर के विस्तार परियोजना के तहत 26 पेड़ों के प्रत्यारोपण की अनुमति के लिए दायर याचिका पर दिल्ली के वन विभाग को नोटिस जारी किया है. यह आदेश जस्टिस जसमीत सिंह ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के आवेदन पर दिया है.

याचिका के अनुसार, इन 26 पेड़ों का स्थान वर्तमान निर्माण क्षेत्र में आता है और इन्हें प्रत्यारोपित करना आवश्यक है. सीपीडब्ल्यूडी ने इससे पहले वन विभाग से अनुमति मांगी थी, लेकिन विभाग ने उसे उच्च न्यायालय से अनुमति प्राप्त करने का निर्देश दिया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने 31 अगस्त 2023 और 9 अगस्त 2024 को दिए गए आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि न्यायालय की पूर्व स्वीकृति के बिना किसी भी पेड़ की कटाई या प्रत्यारोपण की अनुमति नहीं दी जा सकती.

हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 31 जनवरी 2025 को तय की है और इस दौरान एमिकस क्यूरी से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. याचिका में यह भी बताया गया है कि 26 पेड़ों के प्रत्यारोपण के बदले में 260 से अधिक नए पेड़ लगाए जाएंगे. इन पेड़ों में नीम, जामुन, पीपल और अर्जुन के पेड़ शामिल होंगे, जिन्हें 3 मीटर की दूरी पर और कम से कम 10 फीट की ऊंचाई पर लगाने का प्रस्ताव है.

यह परियोजना सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के लिए चैंबर और वकीलों तथा वादियों के लिए अतिरिक्त न्यायालय कक्षों का निर्माण करने के उद्देश्य से तैयार की गई है.



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