
दिल्ली हाई कोर्ट से सीएलएटी-पीजी के अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिल गई है. कोर्ट ने उत्तर कूंजी में कथित विसंगतियों को लेकर एनएलयू को जल्द रिजल्ट घोषित करने का आदेश दिया है. दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एनएलयू) कंसोर्टियम को जल्द सीएलएटी का रिजल्ट घोषित करने का आदेश दिया है.
अदालत ने उत्तर कुंजी में गड़बड़ियों को लेकर दिया फैसला
अदालत ने छात्रों द्वारा उत्तर कुंजी में गड़बड़ियों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला दिया है. सीएलएटी पीजी 2025 में पूछे गए तीन गलत प्रश्नों को लेकर छात्रों ने तीन अलग-अलग याचिकाएं दायर की थी. याचिका में आंसर कुंजी में गलती होने का आरोप लगाया गया था. कोर्ट ने आंसर कुंजी के दो सवालों पर उठाई गई आपत्तियों को सही माना है जबकि तीसरे आंसर कुंजी की आपत्ति को कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
कोर्ट ने जताई नाराजगी
कोर्ट ने उत्तर कुंजी में गलती बताने के लिए हर सवाल पर 1000 रुपये की फीस लेने पर भी नाराजगी जताई है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि छात्रों और संस्थाओं के बीच बैलेंस होना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि एनएलयू की बात सही हो सकती है कि ये फीस बिना वजह आपत्ति करने वालों या कोचिंग संस्थानों को रोकने के लिए रखी गई है. लेकिन कोर्ट ने यह भी कहा कि उम्मीद है कि भविष्य में एनएलयू फीस में कमी करेगा.
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कोर्ट ने दिया यह सुझाव
कोर्ट ने यह सुझाव दिया है कि यह मामला जस्टिस जी रघुराम (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष रखा जाए और उनकी राय के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाए. याचिका में सामान्य विधि प्रवेश परीक्षा 2025 के परिणामों के खिलाफ दायर याचिकाओं को विभिन्न हाईकोट्स से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी.
याचिका अधिवक्ता प्रीता श्रीकुमार अय्यर के माध्यम से दायर की गई थी. दिल्ली हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने 20 दिसंबर 2024 को आंसर-की में गलतियों को लेकर कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज को CLAT 2025 के रिजल्ट को संशोधित करने का निर्देश दिया था.
-भारत एक्सप्रेस
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