
आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल
Money laundering Case: पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के समन के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट 23 अप्रैल को सुनवाई करेगा.
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस धर्मेश शर्मा की पीठ ने मामले में बार-बार स्थगन का उल्लेख करते हुए चेतावनी दी कि आगे कोई भी स्थगन नहीं दिया जाएगा. केजरीवाल के वकील ने वरिष्ठ अधिवक्ता की अनुपलब्धता के कारण स्थगन की मांग की थी, जबकि ईडी के वकील ने याचिका को निष्फल करार दिया.
केजरीवाल की गिरफ्तारी और जमानत की स्थिति
ईडी द्वारा 21 मार्च, 2024 को जारी किए गए समन के बाद, अरविंद केजरीवाल ने हाई कोर्ट का रुख किया था. इसी बीच, 20 मार्च, 2024 को कोर्ट ने ईडी से याचिका की स्थिरता पर जवाब दाखिल करने को कहा था. इसके अगले दिन, हाई कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग वाली याचिका पर भी ईडी से जवाब देने को कहा था. हालांकि, 22 मार्च को ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया और वह फिलहाल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत पर हैं.
आरोप और पीएमएलए की संवैधानिक वैधता पर चुनौती
ईडी ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल अन्य आरोपियों के संपर्क में थे, जिन्होंने अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति तैयार की, जिससे उन्हें अनुचित लाभ हुआ और आप को रिश्वत मिली. केजरीवाल ने अपनी याचिका में पीएमएलए के तहत गिरफ्तारी, पूछताछ और जमानत देने के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है. साथ ही, उन्होंने यह सवाल उठाया है कि क्या कोई राजनीतिक दल धन शोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) के अंतर्गत आता है.
मालूम हो कि केजरीवाल की कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी समन के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इस याचिका पर सुनवाई अब 23 अप्रैल, 2025 को होगी.
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