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इस्कॉन मंदिर की आपसी प्रॉपर्टी विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरु इस्कॉन के हक में दिया फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि बेंगलुरु के हरे कृष्ण मंदिर की संपत्ति पर हक इस्कॉन मुंबई का बनता है.

Supreme Court
Vijay Ram Edited by Vijay Ram

इस्कॉन मंदिर की आपसी प्रॉपर्टी विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरु इस्कॉन के हक में फैसला दिया है. जस्टिस अभय ओका और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने यह फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि बेंगलुरु के हरे कृष्ण मंदिर की संपत्ति पर हक इस्कॉन मुंबई का बनता है.

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब हरे कृष्ण मंदिर पर.इस्कॉन बेंगलुरु का नियंत्रण होगा. यह विवाद बेंगलुरु के प्रसिद्ध हरे कृष्ण मंदिर और शैक्षणिक परिसर के नियंत्रण को लेकर है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सभी पक्षों की जिरह के बाद 24 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

14 साल पुराना है मामला

यह याचिका इस्कॉन बेंगलुरु ने दो जून 2011 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उसने 23 मई 2011 को सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. बता दें कि बेंगलुरु के एक स्थानीय अदालत ने इस्कॉन बेंगलुरु के पक्ष में फैसला सुनाया था. जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. हाईकोर्ट ने ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए मुंबई इस्कॉन मंदिर के हक में फैसला दे दिया. जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जिसपर सुनवाई के बाद यह फैसला दिया है.

बता दें कि इस्कॉन बेंगलुरु कर्नाटक में रजिस्टर्ड एक संस्था है. इस्कॉन बेंगलुरु के कहना था कि वो हर कृष्ण मंदिर का संचालन स्वतंत्र तरीके से पिछले कई दशकों से करती आ रही है. जबकि मुंबई इस्कॉन का दावा है कि कि इस्कॉन बेंगलुरु उनके मातहत आने वाली एक संस्था है, लिहाजा मंदिर पर मालिकाना हक उनका ही बनता है.


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-भारत एक्सप्रेस



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