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सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि कानून तोड़ने वाले बच्चों के पुनर्वास में अधिकारियों की भूमिका एवं व्यवस्था मुहैया कराने में अराजकता, भ्रम और अनिश्चितता है. उन्होंने दिल्ली सरकार को किशोर मामलों को लेकर एक स्पष्ट आदेश जारी करने का निर्देश दिया.

NEET-UG 2024 परीक्षा को लेकर दायर पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. यह पुनर्विचार याचिका काजल कुमारी सहित अन्य की ओर से दायर की गई थी. कोर्ट ने कहा कि उपलब्ध सामग्री के आधार पर दोबारा परीक्षा के आदेश देना संभव नही है.

जस्टिस अनीश दयाल ने अभियोजन पक्ष द्वारा सुदर्शन सिंह वजीर के सरेंडर की मांग करने वाली याचिका को स्वीकार कर लिया. अदालत ने कहा कि सुदर्शन सिंह वजीर को हिरासत में लिया जाना जरूरी है.

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की गई बुलडोजर की कार्रवाई पर नाराजगी व्यक्त की है. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को अवैध रूप से तोड़फोड़ की कार्रवाई करने के मामले में जांच करने और याचिकाकर्ता को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है.

मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की बेंच ने कहा कि अगर आप इसमें डुबकी लगाते हैं तो स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है. हम इसमें अनुमति नहीं दे सकते है. 

जस्टिस हृषिकेश रॉय ने कहा, हमारा मानना ​​है कि यदि परिवहन वाहन का वजन 7500 किलोग्राम के अन्दर है तो एलएमवी लाइसेंस धारक भी उस वाहन को चला सकता है. इस फैसले से एलएमवी धारक को बीमा दावा करने में भी मदद मिलेगी.

दिल्ली हाईकोर्ट ने कई चेतावनी के बावजूद सुनवाई में बाधा डालने को लेकर एक वकील से जवाब मांगा है. उसने वकील से पूछा है कि उसके खिलाफ क्यों न अवमानना की कार्यवाही की जाए. न्यायमूर्ति गिरीश कथपालिया ने कहा कि वकील उन्हें आदेश लिखवाने के दौरान बाधा डाल रहा था.

दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई से राजेन्द्र नगर में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने के कारण सिविल सेवा परीक्षा देने वाले तीन अभ्यर्थियों की डूबने से हुई मौत के संबंध में सीसीटीवी फुटेज और सैटेलाइट इमेज को सुरक्षित रखने की मांग याचिका पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.

दिल्ली दंगे के दौरान पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या के दो आरोपी मोहम्मद जलालुद्दीन व मोहम्मद वसीम को दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. यह जमानत दयालपुर थाने में दर्ज एफआईआर 60/2020 में दी गई है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों के लिए दिल्ली नगर निगम (MCD) के पार्षदों को प्रति वर्ष आवंटित होने वाली राशि को 15 करोड़ रुपए करने का दिल्ली सरकार को निर्देश देने से इनकार कर दिया.