दिल्ली हाई कोर्ट.
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने गीता कॉलोनी स्थित यमुना नदी के किनारे छठ पूजा करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने नदी में अत्यधिक प्रदूषण के स्तर को देखते हुए इस पर चिंता व्यक्त की है. मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की बेंच ने कहा कि अगर आप इसमें डुबकी लगाते हैं तो स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है. हम इसमें अनुमति नहीं दे सकते हैं.
नदी बेहद प्रदूषित, कोई आदेश नहीं दे सकते
कोर्ट ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, नदी खुद बेहद प्रदूषित है. हम ऐन वक़्त पर कोई आदेश नहीं दे सकते हैं. रातों रात यमुना (Yamuna River) साफ नहीं हो सकती है. याचिका पूर्वांचल नव निर्माण संस्थान की ओर से दायर की गई थी. याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि भक्तों के लिए हथनीकुंड से पानी छोड़ा जा सकता है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोगों को आश्वासन दिया था कि दिल्ली में छठ पूजा (Delhi Chhath Puja) की जा सकेगी और उन्हें अपने गृह नगर वापस जाने की आवश्यकता नहीं होगी.
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यमुना घाट की सफाई के लिए अलग अर्जी दाखिल कीजिए
वहीं दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि नहीं बहुत प्रदूषित है. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि बस घाट की सफाई करवा दें तो हम अगले साल पूजा कर सकते हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि यमुना में 800 कॉलोनियों का असंशोधित सीवेज सीधे जा रहा है. यमुना को हम एक दिन में साफ नहीं कर सकते है. कोर्ट ने यह भी कहा कि हम यमुना ड्रेन में रहने वाले 241 झुग्गी निवासियों की याचिका पर विचार कर रहे हैं. सभी नेता कहते है कि वे इन लोगों को हटाने नहीं देंगे. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप यमुना घाट की सफाई के लिए अलग से अर्जी दाखिल कीजिए, हम आपको सुनेंगे लेकिन इस याचिका पर हम कुछ ऐसा आदेश नहीं दे सकते है.
-भारत एक्सप्रेस
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