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सुप्रीम कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के मामले में चेन्नई पुलिस पर लगे आरोपों की जांच के लिए SIT गठन करने का दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने SIT गठन का आदेश देकर राज्य पुलिस से कहा कि एसआईटी के गठन के लिए तमिलनाडु में कार्यरत अन्य राज्यों के सात आईपीएस अधिकारियों की सूची उनके संक्षिप्त बायोडाटा के साथ भेजें.

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

नाबालिग लड़की से यौन उत्पीड़न के मामले में चेन्नई पुलिस (Chennai Police) के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी के गठन का आदेश दिया है. कोर्ट ने पीड़ित परिवार को 75 हजार रुपए का मुआवजे का भी निर्देश दिया है.

7 IPS अधिकारियों का बायोडाटा भेजें

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दिया था, जिसमें अक्टूबर में अन्ना नगर में 10 वर्षीय लडक़ी के साथ कथित यौन उत्पीड़न के मामले में पॉक्सो मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी (SIT) के गठन का आदेश देकर राज्य पुलिस से कहा कि एसआईटी के गठन के लिए तमिलनाडु में कार्यरत अन्य राज्यों के सात आईपीएस (IPS) अधिकारियों की सूची उनके संक्षिप्त बायोडाटा के साथ भेजें.

इंस्पेक्टर ने किया हमला

पीड़िता के माता-पिता के मुताबिक कथित हमले का मामला तब सामने आया, जब लड़की ने 29 अगस्त को पेट में दर्द की शिकायत की. जब उसके माता-पिता उसे अस्पताल ले गए, तो डॉक्टरों ने जांच के बाद पाया कि बच्ची के साथ साथ यौन उत्पीड़न किया गया है. जब माता-पिता अपनी बेटी के साथ मामले की शिकायत दर्ज कराने अन्ना नगर एडब्ल्यूपीएस गए तो इंस्पेक्टर ने उन पर हमला किया.

पुलिस ने आरोपों से इनकार किया

हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया है. पीड़िता के माता-पिता की शिकायत पर पुलिस ने 30 अगस्त को एफआईआर दर्ज किया था. जिसके बाद पीड़िता के पड़ोसी आरोपी सतीश (32) को 12 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. 1 सितंबर को 14 वर्षीय एक लड़के को भी 2022 में लड़की से कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उसे किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया और बाद में रिहा कर दिया था.

-भारत एक्सप्रेस



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