
सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के एटीएम में 24 घंटे सुरक्षा गार्ड तैनात करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने इस आदेश को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि सभी एटीएम पर गार्ड की तैनाती संभव नहीं है. यह फैसला गुवाहाटी हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ बैंकों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद आया है.
जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चन्द्रन की पीठ ने बैंकों की दलीलें सुनने के बाद गुवाहाटी हाई कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया. यह याचिका भारतीय स्टेट बैंक (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ इंडिया सहित अन्य बैंकों द्वारा दायर की गई थी.
बैंकों ने सुरक्षा के लिए सीसीटीवी निगरानी को बताया उपयुक्त
बैंकों की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से दिसंबर 2016 में पारित अंतरिम आदेश को पूर्ण रूप से लागू करने का आग्रह किया था. सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने दलील दी कि अकेले असम में ही 4000 एटीएम हैं और हर एटीएम पर सुरक्षा गार्ड तैनात करना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि दुनिया भर में सीसीटीवी निगरानी को सुरक्षा के लिए मान्यता प्राप्त प्रणाली माना जाता है और बैंक पहले से ही इस प्रणाली को लागू कर रहे हैं. सॉलिसिटर जनरल ने यह भी बताया कि वित्त मंत्रालय ने भी इस फैसले का समर्थन किया है.
गुवाहाटी हाई कोर्ट ने 2013 में दिया था आदेश
गौरतलब है कि वर्ष 2013 में गुवाहाटी हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति के एटीएम से 35,000 रुपये चोरी होने की घटना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए 24 घंटे सुरक्षा गार्ड की तैनाती का आदेश दिया था. इसके अलावा, हाई कोर्ट ने निर्देश भी दिए थे जिसमे कहा गया था कि सभी एटीएम में सीसीटीवी कैमरे हमेशा चालू रखने होंगे और एटीएम से जुड़े अस्थाई कर्मचारियों का अनिवार्य वेरिफिकेशन किया जाएगा. केंद्र सरकार, असम के पुलिस महानिदेशक, भारतीय रिजर्व बैंक और संबंधित बैंकों को सुरक्षा उपायों पर निर्णय लेने के लिए नोटिस जारी किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब बैंकों को 24 घंटे सुरक्षा गार्ड तैनात करने की अनिवार्यता नहीं होगी. हालांकि, भारतीय स्टेट बैंक सहित अन्य बैंकों ने एटीएम की सुरक्षा को लेकर गुवाहाटी हाई कोर्ट द्वारा दिसंबर 2013 में जारी किए गए अन्य निर्देशों को स्वीकार करने में कोई आपत्ति नहीं जताई है.
-भारत एक्सप्रेस
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