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बिल्डर-बैंक गठजोड़ मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा एक्नेशन, कहा जो दोषी है, वो धरती के नीचे भी जा छिपे तो ढूंढ निकालेंगे

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में घर खरीदारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए बिल्डर-बैंक गठजोड़ पर चिंता जताई और कहा कि वह सीबीआई जांच सुनिश्चित करेगा. कोर्ट ने एमिकस क्यूरी नियुक्त कर रिपोर्ट मांगी और दो सप्ताह बाद अगली सुनवाई तय की.

Supreme Court

दिल्ली NCR में घर खरीदारों की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर बैंक गठजोड़ पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कोर्ट इसके तह तक जाएगा. कोर्ट ने कहा कि वह निश्चित रूप से सीबीआई जांच कराएगा. कोर्ट ने कोर्ट की सहायता के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है और नोट मांगा है कि इस मामले में कैसे आगे बढ़ा जाए. जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ दो सप्ताह बाद इस मामले में अगली सुनवाई करेगी.

जस्टिस सूर्यकांत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हम किसी भी संस्थान को बुरा या अच्छा नहीं मानने जा रहे हैं. हम निश्चित रूप से सीबीआई जांच कराएंगे. हजारों लोग रो रहे है. हम सीबीआई को इस मामले में रिपोर्ट दाखिल करने को कहेंगे. कोर्ट ने कहा हम इस मामले के तह तक जाएंगे. इस मुद्दे पर हमारा जीरो टॉलरेंस है. जो दोषी है, वो धरती के नीचे भी जा छिपे तो ढूंढ निकालेंगे.

फ्लैट कब्जे में देरी और EMI का दबाव

कोर्ट ने कहा हम उनके आंसू नहीं पोंछ सकते, लेकिन हम इस मुद्दों को सीबीआई से जांच कराएंगे. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट बिल्डर और बैंक को फटकार लगाते हुए कहा था कि दोनों के घर खरीदारों को बंधक बना लिया है. कोर्ट ने कहा था कि हम सीबीआई से मामला दर्ज करने के लिए कहेंगे और हर बैंक को जांच में लाया जाना चाहिए.

कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई निवेश की, लेकिन बैंक और बिल्डर्स द्वारा बंधक बना लिया गया है. बिल्डर और बैंकों की गठजोड़ की जांच के लिए एसआईटी बनाई जानी चाहिए, जो हमें रिपोर्ट देगी. कोर्ट दिल्ली एनसीआर में घर खरीदारों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है.

बिल्डर्स और बैंकों की भूमिका पर सवाल

याचिका में कहा गया है कि पहले बिल्डर्स की ओर से फ्लैट का कब्जा देने में देरी की गई, बाद में दूसरी तरफ फ्लैट का कब्जा दिए बिना बैंकों ने उन्हें ईएमआई बकम भुगतान करने के लिए बाध्य किया. याचिकाकर्ताओं के मुताबिक आरबीआई के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए ऋण राशि को अवैध रूप से सीधे बिल्डरों के खातों में वितरित किया गया. आरोप लगाया गया कि घर घर खरीदने वालों को लोन स्वीकृत करवाने और बैंकों से बिल्डरों को राशि हस्तांतरित करवाने के लिए माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया गया.

घर खरीदारों की ओर से दायर याचिका में यह भी कहा गया है कि उनके फ्लैटों तक कब्जा दिए जाने तक ईएमआई न लें. उन्होंने यह भी कहा है कि आरबीआई के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए बैंक की ओर से सीधे बिल्डर के खाते में ऋण के अवैध वितरण के शिकार है. दिल्ली हाई कोर्ट ने घर खरीदारों की ओर से दायर याचिका पर 14 मार्च 2023 को खारिज कर दिया था, जिसके खिलाफ घर खरीदारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

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-भारत एक्सप्रेस 



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