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सुप्रीम कोर्ट ने ठाणे की कथित अवैध मस्जिद और प्रार्थना हॉल का ध्वस्तीकरण रोका, हाईकोर्ट के आदेश पर 7 दिन की रोक

सुप्रीम कोर्ट ने ठाणे में कथित अवैध मस्जिद और प्रार्थना हॉल को गिराने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई है. कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया और विस्तृत आदेश पारित करने की बात कही.

संभल में शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसक झड़प के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. (फोटो: IANS)

सुप्रीम कोर्ट ने ठाणे में कथित अवैध मस्जिद और प्रार्थना हॉल को गिराने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया है. जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की अवकाशकालीन पीठ ने अवैध मस्जिद के ध्वस्तीकरण पर सात दिनों के लिए रोक लगा दिया है.

साथ को कोर्ट ने अगले आदेश तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. कोर्ट इस मामले में विस्तृत आदेश पारित करेगा. वही कोर्ट ने बाबा ट्रस्ट को बॉम्बे हाईकोर्ट के ध्वस्तीकरण के आदेश को वापस लेने की मंजूरी दे दी है.

हाईकोर्ट आदेश वापस लेने की अनुमति

मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हुजैफा अहमदी ने दावा किया कि हाई कोर्ट ने बिना उनके दलीलों पर विचार किए यह फैसला दिया है, जो कानून सम्मत नही है. जस्टिस मेहता ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मुकदमें की बर्खास्तगी का खुलासा न करना शर्मनाक था और यदि यह खुलासा पहले किया गया होता तो हाई कोर्ट एक अलग निष्कर्ष पर पहुच सकता था.

बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने ठाणे नगर निगम को जमकर लताड़ लगाई है. मस्जिद में तोड़े जाने में हो रही देरी पर कोर्ट ने प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा था कि कानून का पालन करवाना प्रशासन की जिम्मेदारी है.

कोर्ट का स्पष्ट रुख: ‘कानून से ऊपर कोई नहीं’

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है. कुछ मुश्लिम समूह लगातार इसका विरोध कर रहे हैं, लेकिन कोर्ट ने दो टूक कहा था कि विरोध के नाम पर कानून को तोड़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती है.

हाई कोर्ट ने यह भी कहा था कि रमजान के पवित्र महीना खत्म होने के तुरंत 14 अप्रैल तक विध्वंस की शेष प्रक्रिया पूरी की जाए. कोर्ट ने यह भी कहा था कि टीएमसी के वकील की यह दलील स्वीकार नहीं किया जा सकता है.

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-भारत एक्सप्रेस 



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