(प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
High-Risk Food Category: भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर (Packaged Drinking Water) और मिनरल वाटर (Mineral Water) को ‘उच्च जोखिम वाले खाद्य श्रेणी’ के रूप में पुनर्वर्गीकृत किया है. 29 नवंबर को जारी अपने आदेश में अधिकारियों ने घोषणा की कि पुनर्वर्गीकरण (Reclassification) का उद्देश्य उपभोक्ता संरक्षण को मजबूत करना और पैकेज्ड वाटर उद्योग में कठोर गुणवत्ता नियंत्रण बनाए रखना है.
आदेश में यह भी कहा गया है कि तत्काल प्रभाव से लागू इस कदम के तहत निर्माताओं को अनिवार्य रूप से तीसरे पक्ष से खाद्य सुरक्षा ऑडिट करवाना होगा और उन्नत गुणवत्ता मानकों का अनुपालन करना होगा.
आदेश में क्या कहा
आदेश में कहा गया है, ‘यह दोहराया जाता है कि उच्च जोखिम वाले खाद्य श्रेणियों के अंतर्गत सभी केंद्रीय लाइसेंस प्राप्त निर्माताओं को हर साल FSSAI द्वारा मान्यता प्राप्त तीसरे पक्ष की खाद्य सुरक्षा ऑडिटिंग एजेंसी द्वारा अपने व्यवसाय का ऑडिट करवाना होगा. उच्च जोखिम वाले खाद्य श्रेणियों की सूची में अब पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर और मिनरल वाटर भी शामिल हैं.
करवाना होगा वार्षिक निरीक्षण
गैर-अल्कोहल पेय पदार्थ, पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर और मिनरल वाटर से जुड़े खाद्य व्यवसाय संचालकों को अब वार्षिक निरीक्षण करवाना होगा. इस कदम का उद्देश्य पैकेज्ड वॉटर उत्पादन से जुड़े संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को कम करना है. भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) प्रमाणन से छूट प्राप्त खाद्य पदार्थ प्रसंस्करणकर्ताओं को भी लाइसेंस या पंजीकरण प्राप्त करने से पहले निरीक्षण से गुजरना होगा.
BIS प्रमाणन हटाया
यह पुनर्वर्गीकरण खाद्य सुरक्षा और मानक (बिक्री पर प्रतिषेध एवं प्रतिबंध) विनियम, 2011 में हाल ही में किए गए संशोधनों के अनुरूप है, जिसके तहत पहले कुछ खाद्य उत्पादों के लिए अनिवार्य BIS प्रमाणन आवश्यकताओं को हटा दिया गया था. उल्लेखनीय है कि यह कदम खाद्य सुरक्षा निकाय द्वारा डेयरी आधारित पेय मिश्रण, अनाज आधारित पेय मिश्रण और माल्ट आधारित पेय को स्वास्थ्य पेय की श्रेणी से बाहर करने के बाद उठाया गया है.
तीन प्रकार की मिलावट
हाल ही में FSSAI ने विभिन्न प्रकार के खाने में मिलावट वाले तत्वों (Food Contaminants) और उनमें से प्रत्येक की पहचान करने के तरीके पर भी चर्चा की. इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में FSSAI ने 3 प्रकार के मिलावटी तत्वों पर चर्चा की – भौतिक, रासायनिक और जीवाणु संबंधी मिलावट. भौतिक मिलावट तब होता है जब उत्पादन या तैयारी के दौरान कोई भौतिक वस्तु भोजन में प्रवेश करती है. रासायनिक मिलावट तब होता है, जब भोजन जहरीले रसायनों के संपर्क में आता है, जिससे संभावित रासायनिक खाद्य विषाक्तता हो सकती है. जैविक या जीवाणु संबंधी मिलावट तब होता है, जब भोजन जीवित जीवों या उनके द्वारा उत्पादित पदार्थों से दूषित हो जाता है.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.