
Health Tips: गर्मी के मौसम में गन्ने का जूस सबसे पसंदीदा ठंडा पेय है. यह शरीर को ताजगी देता है और तेज धूप में डिहाइड्रेशन से भी बचाता है. लेकिन सवाल ये है कि क्या डायबिटीज के मरीज भी इसे बिना चिंता के पी सकते हैं? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने बात की डॉ. परास अग्रवाल से. डॉ. अग्रवाल मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल, गुरुग्राम में डायबिटीज और मेटाबॉलिक डिसऑर्डर के हेड हैं. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा.
गन्ने के जूस में क्या होता है? (Health Tips)
गन्ने का रस नेचुरल शुगर यानी सुक्रोज से भरपूर होता है. 100 मिलीलीटर जूस में करीब 13 से 15 ग्राम चीनी होती है. इसमें फाइबर नहीं रहता क्योंकि जूस निकालते समय फाइबर अलग हो जाता है. इसके अलावा जूस में कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स भी पाए जाते हैं. लेकिन ज्यादा चीनी की वजह से यह डायबिटीज के मरीजों के लिए सही नहीं माना जाता.
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गन्ने के जूस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स
गन्ने के जूस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) 43 से 65 के बीच होता है. यह मीडियम से हाई कैटेगरी में आता है. फाइबर न होने के कारण जूस की शुगर तेजी से ब्लड में घुल जाती है. इससे ब्लड शुगर लेवल अचानक बढ़ सकता है. डायबिटीज के मरीजों के लिए यह काफी रिस्की हो सकता है.
डायबिटीज के मरीज गन्ने का जूस पी सकते हैं या नहीं?
डॉक्टरों की सलाह है कि डायबिटीज के मरीजों को गन्ने के जूस से बचना चाहिए. फिर भी अगर शुगर लेवल अच्छे से कंट्रोल में है, तो डॉक्टर की सलाह लेकर कभी-कभार थोड़ी मात्रा में पिया जा सकता है. अगर जूस पीना ही है, तो इन बातों का ध्यान रखें. सबसे पहले बहुत कम मात्रा में पिएं. आधा गिलास से ज्यादा न लें. खाली पेट जूस न पिएं. खाने के बाद ही लें. साथ में फाइबर से भरपूर चीजें खाएं जैसे सलाद या नट्स, ताकि शुगर का असर धीमा हो. गन्ने का जूस स्वादिष्ट और ठंडक देने वाला है, लेकिन डायबिटीज के मरीजों के लिए इसे सावधानी से पीना जरूरी है. हमेशा डॉक्टर या डाइटिशियन से सलाह लेने के बाद ही कोई फैसला करें.
-भारत एक्सप्रेस
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