
Healthy Teeth Tips: चमकते हुए दांत आप के हंसी को एक अलग पहचान देते हैं अगर वो मोती जैसी दिख रहे है तो लेकिन देखरेख की कमी के कारण कई तरह की दिक्कते दांतों में लग जाती है.जिसके कारण हम हंसने से भी कतराने लगते है.तो आइए समझते है सुंदर और स्वस्थ दांत कैसे पाए…
दांत का निर्माण ठोस उतकों से बने होते है जो हमारे शरीर को खाने के चीज को तोड़ कर देना होता है,और इनको दो भाग होते है-
ऊपरी सतह का भाग- इस भाग को इनामल के रुप से जाना जाता है जो दांत ठोस बनाता है और इसी इनामल के कारण दांत का रंग सफेद दिखता है.और ये कैल्शियम एपेटाइट से बने होते है.
भीतरी सतह का भाग- इस सतह को डेन्टाइन कहा जाता है जो पूरे दांत का लगभग 80 फीसदी होते है और ये कैल्शियम फास्फेट से बने होते है.
कैसे होता है दांतों में सड़न?
दांतों में सड़न- अक्सर सभी को दांतो में सड़न की दिक्कते बन ही जाती है जिसको समय रहते न देखा जाए तो बढ़ता ही जाता है.मुख्य रुप से दांतो की सफाई न करने की वजह से ये समस्या हो जाती है.कुछ वंशानुगत कारणों से भी ये देखने को मिलता है.ख़ट्टी,मिठी ज्यादा खाने के कारण से इसमें अधिकता आ जाती है.
दांतों में बीमारी का कारण
पायरिया- पायरिया होने के मुख्य कारणों में सही सफाई या गलत तरिके से ब्रश करने के कारण भी होता है.दांतो और मसूड़ो के बीच में जमी गंदगी लंबे समय से चली आ रही हो और साथ में पेट में अधिक अल्म बनने के कारण ये दिक्कत होने लगती है इसके साथ दांतो के हिलने की भी दिक्कत जाती है.
दांतो में ठंड़ा या गर्म का लगना- दांतो में गर्म या ठंड का लगना संवेदनशीलता के अधिक हो जाने के कारण होते है जो दांत के ऊपरी भाग यानि इनामल के कमजोर होने के कारण होते है.
रोज के दिनों में दांत के लिए क्या देखभाल करें-
- सफाई का नियमित रुप से ध्यान देना
- गर्म या ठंड़ा खाने-पीने के चीज तुरंत एक दूसरे का बाद ने लें
- चाय या काफी पीने के कुछ देर बाद पानी से कुल्ला कर लें
- दिन में जब भी खाएं इसके बाद पानी से मुंह साफ कर लें
- बिना शुगर के च्यूइंगम का इस्तेमाल करें इससे मसूड़ों को लाभ मिलता है
- खट्टे पदार्थो को ज्यादा न खाएं
- कोल्ड ड्रिंक्स और फास्ट फूड का सेवन न करें
- रात में सोने के दौरान लार न बनने के कारण दांतो में सड़न तेज हो जाती है इसलिए सोते समय ब्रश जरुर करें
- मुलायम टूथब्रश का इस्तेमाल करें
- सही पेस्ट का चयन करें जो ज्यादा क्षारीय न हो
घरेलू नुस्खों जो दांतो को नया जीवन देते हैं-
सरसों का तेल, सेंधा नमक (कम मात्रा में),खाने का सोडा इन तीनों को मिलाकर हल्के हाथों से नियमित मसाज करने से सभी तरह के दांतो की समस्यओं से बचा जा सकता है.
तुलसी के कुछ पत्तो को बिना चबाएं निगल ले,इससे दांतो के लिए भीतरी सुरक्षा मिलती है.
ताजे एलोवेरा के जेल से दांतो पर मसाज करने पर लाभ मिलता है.
सरसों का तेल और हल्दी के मसाज से दांतो के जड़ को मजबूती मिलती है.
होम्योपैथी दवाएं दांत के रोगों में काम आती है-
कैलेंडुला मदर टिंचर- ये दवा बैक्टीरिया को मारती है,संक्रमण और सूजन को कम करती है जिससे दर्द में आराम पहुंचता है.इस दवा को थोड़े पानी में 20 बूंद मिलाकर मुंह में रखने से सभी तरह के दिक्कतों में राहत मिलता है.
प्लांटेगो मेजर मदर टिंचर- इस दवा के मूल अर्क को सड़े हुए दांत के स्थान पर लगाने से दर्द में तुरंत आराम मिलता है.
बेलाडोना 30,200- ये दवा दांत दर्द में काम आती है जिसमें सूजन के साथ चेहरा दर्द से लाल हो रखा हो.
स्टैफिसैग्रिया 30,200- दांत दर्द की बहुत अच्छी दवा है जिसमें मसूड़ो में पस बनने लगा हो,जलन और सूजन की स्थिती में काम करती है.
क्रियोजोटम 30,200- ये दवा दांत के सड़न को रोकती है और उससे बनी सभी प्रकार के दिक्कतों में आराम करती है.
सलाह सहित यह सामग्री केवल आप के लिए सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं हो सकता है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरुर लें. भारत एक्सप्रेस इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
-भारत एक्सप्रेस
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