Risks of Sugar-Sweetened Beverage
Risks of Sugar-Sweetened Beverage: सोडा, फ्रूट पंच और नींबू पानी जैसे अत्यधिक मीठे पेय पदार्थों का सेवन करने वालों को लेकर हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कहा है कि इससे दांतों में इंफेक्शन, किडनी और हृदय रोग जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. ‘Sugar Sweetened Beverages’ (SSB) ऐसे पेय पदार्थ हैं जिनमें ज्यादा चीनी या अन्य स्वीटनर होते हैं, जिसमें हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप (HFCS), सुक्रोज या फ्रूट जूस कंसंट्रेट, नॉन-डाइट सोडा, फ्लेवर्ड जूस, एनर्जी ड्रिंक, मीठी चाय और कॉफी आदि शामिल हैं.
फ्रुक्टोज और अन्य एडिटिव्स का खतरा
वडोदरा के भाईलाल अमीन जनरल हॉस्पिटल में कंसल्टेंट फिजिशियन डॉ. मनीष मित्तल ने बताया, “ये स्वीटनर एक बड़ी चिंता का विषय हैं जो मोटापा और डायबिटीज जैसी कई स्वास्थ्य का कारण बन सकते हैं. इसके साथ ही इसके हार्ट और किडनी पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं.”
डॉक्टर का कहना है कि फ्रुक्टोज, हाई फ्रुक्टोज कॉर्न और ब्राउन शुगर जैसे पदार्थ “मोटापे, टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाते हैं.” उन्होंने कहा, ” चीनी की अतिरिक्त मात्रा वजन बढ़ाने के साथ सूजन और इंसुलिन प्रतिरोधकता पैदा कर सकती है. इन जोखिमों को रोकने के लिए, बिना चीनी वाले पेय पदार्थों का सेवन करें और चीनी युक्त पेय पदार्थों का सेवन दैनिक कैलोरी की आवश्यकता के हिसाब से 10 प्रतिशत से कम रखें.”
जानें कहता है रिसर्च
अमेरिका में हार्वर्ड विश्वविद्यालय के रिसर्च द्वारा हाल ही में किए गए एक स्टडी में पता चला है कि चीनी युक्त पेय पदार्थों के अधिक सेवन से हृदय संबंधी रोग की घटनाओं और मृत्यु दर में भी वृद्धि हो सकती है. खासकर यह मधुमेह रोगियों के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है.
यहां जान लें डॉक्टर के सुझाव
डॉ. मित्तल ने कहा, “चीनी-मीठे पेय पदार्थों का लंबे समय तक सेवन हृदय स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है. डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी मौजूदा बीमारियों से पीड़ित लोग अगर इन पेय पदार्थों का रोजाना सेवन करते हैं तो वे अधिक प्रभावित होंगे. अगर किसी व्यक्ति को पहले से ही डायबिटीज है और फिर भी वह इन मीठे पदार्थों का सेवन कर रहा है, तो मधुमेह स्वाभाविक रूप से नियंत्रण से बाहर हो जाएगा.”
ये भी पढ़ें: अगर आप भी रातभर कानों में लगाए रहते हैं Earbuds तो हो जाएं सावधान, सामने आई WHO की डरा देने वाली रिपोर्ट
डॉक्टर ने कहा, “यहां तक कि चीनी-मुक्त सप्लीमेंट्स का सेवन भी उतना ही हानिकारक है और इसके दुष्प्रभाव भी समान हैं और यह पेट के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है.” डॉक्टर ने फलों और सब्जियों जैसे मिठास के प्राकृतिक स्रोतों को चुनने और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में मिली हुई शर्करा के प्रति सचेत रहने का सुझाव दिया है. इसके साथ ही विशेषज्ञों ने बेहतर स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार और नियमित शारीरिक गतिविधि अपनाने को कहा है.
-भारत एक्सप्रेस