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श्री पंचनाम जूना अखाड़ा के छावनी प्रवेश के साथ हुई कुंभ की औपचारिक शुरुआत

जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के अलावा जूना अखाड़े के महंत संरक्षक महंत हरि गिरि साथ ही जूना अखाड़े के अध्यक्ष महंत प्रेम गिरि के अलावा पीठाधीश्वरों, महामंडलेश्वरों के फूल मालाओं से सजे रथ सड़कों पर निकले. रास्ते भर जगह-जगह कतारबद्ध श्रद्धालु संतों की झलक पाने के लिए सड़क के दोनों ओर खड़े थे.

Mahakumbh

आस्था की संगम नगरी में श्री पंचनाम जूना अखाड़ा का छावनी प्रवेश शनिवार (14 दिसंबर) हो गया है. इसके साथ ही कुंभ की औपचारिक शुरुआत हो गई है. प्रयागराज के मौजगिरि आश्रम से दिन के1 बजे के लगभग छावनी प्रवेश की शोभा यात्रा निकाली जा रही है. रमता पंच, देवताओं के अलावा ध्वजा-पताका लेकर संतों का हुजूम निकला.

जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के अलावा जूना अखाड़े के महंत संरक्षक महंत हरि गिरि साथ ही जूना अखाड़े के अध्यक्ष महंत प्रेम गिरि के अलावा पीठाधीश्वरों, महामंडलेश्वरों के फूल मालाओं से सजे रथ सड़कों पर निकले. रास्ते भर जगह-जगह कतारबद्ध श्रद्धालु संतों की झलक पाने के लिए सड़क के दोनों ओर खड़े थे.

सनातन धर्म सिद्धि का पर्व

जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने इस अवसर पर बताया, “यह सनातन धर्म सिद्धि का पर्व है. भारत की सनातन संवेदनाएं विश्व में विख्यात हैं. कई करोड़ लोग कुंभ में आ रहे हैं. आज इसका पहला दिन है क्योंकि छावनी प्रवेश को कुंभ का पहला दिन कहा जाता है. हम छावनी में प्रवेश कर रहे हैं. आज सभी संत-महात्मा गिरि कंदराओं से निकलकर आए हैं. लाखों संत और नागा प्रवेश कर रहे हैं. आज से हमारे पूजन और अनुष्ठान के कर्म शुरू हो जाएंगे.”

इस दौरान जूना अखाड़े में नागा साधुओं समेत पूरे देश में इस अखाड़े के साधु संतों ने हिस्सा लिया. बैंड बाजा घोड़े से नागा साधु अपने आश्रम से निकलकर संगम तट पर बने आश्रम की ओर आए. इस दौरान सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम देखने को मिले.

प्रवेश में इतने लोग हुए शामिल

जूना अखाड़ा के प्रवक्ता महंत नारायण गिरि ने कहा, “अखाड़े में आज से हम लोगों के भगवान, देवता, नागा साधु और चरण पादुका वगैरह को कुंभ मेले में स्थापित करना है. कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां आए थे. आज के प्रवेश में 65 मंडलेश्वर हैं, इसमें आचार्य महामंडलेश्वर भी हैं, पूरे देश-विदेश से आए हुए 7-8 हजार महात्मा भी हैं. 100 बग्गियां हैं, सभी महात्माओं और संतों को लेकर जाएंगे. आगे हमारे देवता चलेंगे और चरण पादुका चलेगी. इनकी स्थापना के बाद बाद वहां पर सांधु-संत स्थायी तौर पर निवास करने लगेंगे.”


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लोग समरसता के साथ रहें

अखाड़े के एक संत ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “आज दत्त जयंती है और इस अवसर पर प्रयागराज के संगम पर जो विहंगम होने जा रहा है इसकी शुरुआत 3 नवंबर से नगर प्रवेश के रूप में प्रारंभ हुई थी. उसके बाद 23 नवंबर को धर्म ध्वजा के माध्यम से यह आगाज किया गया था और आज छावनी के द्वारा संगम में प्रवेश करने जा रहे हैं. आज संगम में पहुंचकर गंगा जी का पूजन होगा और उसके बाद जूना अखाड़े के छावनी पर कार्यक्रम समाप्त होगा. आज के इस कार्यक्रम से आपकी एजेंसी के माध्यम से लोगों तक विहंगम का यह संदेश जाए कि लोग समरसता के साथ रहें और खुशहाल रहें.”

-भारत एक्सप्रेस



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