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साइंस

पृथ्वी से 147 मिलियन किमी दूर रहने के बावजूद सूरज की गर्मी हमें महसूस होती है. तो सवाल उठता है कि सूरज के करीब जाकर लाखों डिग्री तापमान में भी यह स्पेसक्राफ्ट सुरक्षित कैसे रहा?

यह नमूना जापान के हायाबुसा-2 स्पेसक्राफ्ट द्वारा लाया गया था. यह नमूना दिसंबर 2020 में पृथ्वी पर वापस लाया गया. इसे प्रदूषण से बचाने के लिए विशेष वैक्यूम रूम और प्रेशराइज्ड नाइट्रोजन से भरे कैनिस्टर्स में रखा गया.

नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल पर "वन-ट्वेंटी नाइन" नामक रेडियोधर्मी तत्व पाया, जो पृथ्वी पर एटॉमिक परीक्षणों से जुड़ा हुआ है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह तत्व मंगल पर प्राचीन समय में एक शक्तिशाली परमाणु युद्ध के प्रमाण हो सकते हैं.

गिटार नेबुला हमारी गैलेक्सी में उच्च-ऊर्जा वाले कणों, जैसे इलेक्ट्रॉन और पॉजिट्रान, के सफर को समझने में भी मदद करता है. इससे वैज्ञानिकों को पल्सर और उनके असर को समझने में मदद मिलती है.

मानव शरीर दुनिया की सबसे उन्नत और कीमती "मशीन" है, जिसमें दिल, दिमाग और आंखें अद्भुत क्षमताओं से लैस हैं. यह जन्म से मृत्यु तक बिना रुके काम करता है और किसी भी कृत्रिम मशीन से कहीं अधिक जटिल और प्रभावशाली है.

पृथ्वी का 1 पूरा दिन 24 घंटे वास्तव में 23 घंटे 56 मिनट और 4 दशमलव 1 सेकेंड का होता है, जिसे साइडरियल डे कहते हैं.

रशियन अंडरग्राउंड सबमरीन जो की जमीन के अंदर ड्रिलिंग करते हुए दुश्मन देश के अंदर तक पहुंच सकती है. आम तौर पर टनेल बोरिंग मशीन छह हज़ार टन वजनी होती है जिसे चालीस मीटर का छेद करने में चौबीस घंटे का समय लगता है.

अपने कॉर्पोरेट जैवविविधता संरक्षण कार्यक्रम "तमुरा" के तहत क्रास्नोयार्स्क क्षेत्र के उत्तर में 2024 में पांच खोजी मिशनों को अंजाम देने वाली रूस की तेल कंपनी रोसनेफ्ट ने वहां चिड़ियों की 60 दुर्लभ प्रजातियों की खोज की है.

ऐसा हो सकता है कि अनंत ब्रह्मांड में मौजूद असंख्य आकाशगंगाओं में हमारी धरती जैसे अरबों ग्रह मौजूद होंगे. इन आकाशगंगाओं में एक ऐसा ग्रह भी हो सकता है, जो बिल्कुल हमारी पृथ्वी जैसा हो और जहां यहां की तरह जीवन भी हो.

वैज्ञानिक मानते हैं कि हमारे ब्रह्मांड का आधार विभिन्न आयाम हैं, और ये आयाम ही हमारे अस्तित्व का मूलभूत ढांचा बनाते हैं.