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Mauni Amavasya 2025: क्या आप जानते हैं मौनी अमावस्या कब है? यहां जानें स्नान-दान की सही डेट, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व होता है. इस दिन स्नान और दान करना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. मौनी अमावस्या के दिन पितरों के नाम तर्पण करने से उन्हें तृप्ति मिलती है और वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं.

Mauni Amavasya 2025

मौनी अमावस्या 2025

Mauni Amavasya 2025: हिंदू धर्म के अनुसार माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस दिन मौन रखकर लोग उपवास और स्नान करते हैं. मौनी का अर्थ है मौन और इस दिन मौन रहकर आत्मशांति और संयम का पालन करने से मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से पाप धूल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है और श्रद्धालु प्रयागराज के संगम में इस दिन स्नान करेंगे. यह दिन सूर्यदेव और पितरों की पूजा के लिए भी अच्छा माना जाता है. इस बार मौनी अमावस्या 29 जनवरी को है. लेकिन क्या आप जानते हैं मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि कब है चलिए आपको बताते हैं.

मौनी अमावस्या का मुहूर्त

हिंदू पंचाग के अनुसार, माघ माह की अमावस्या तिथि 28 जनवरी को शाम 7 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 29 जनवरी को शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगा.

मौनी अमावस्या स्नान-दान का समय

मौनी अमावस्या के दिन सूर्योदय से पहले मौन धारण कर स्नान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है. इस वर्ष स्नान का शुभ मौनी अमावस्या का मुहूर्त 29 जनवरी को ब्रह्म मुहूर्त से शुरू होगा और पूरे दिन रहेगा. इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है. जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन दान करना अत्यंत पुण्यदायी है. दृग पंचांग के अनुसार 29 जनवरी को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:25 बजे से 6:19 बजे तक रहेगा. जो व्यक्ति इस मुहूर्त में स्नान नहीं कर सकते हैं वो 29 जनवरी को सूर्यास्त तक स्नान दान कर सकते हैं.

मौनी अमावस्या का महत्व

मौनी अमावस्या के दिन गंगा नदी में स्नान करना पवित्र होता है क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गंगा का जल अमृत समान हो जाता है. मान्यताओं के अनुसार, माघ माह की अमावस्या पर ऋषि मनु का जन्म हुआ था इसलिए यह तिथि मौनी अमावस्या के नाम से जानी गई जो मनुष्य इस दिन मौन व्रत रखता है उसे अपने जीवन में वाक् सिद्धि प्राप्त होती है.

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मौनी अमावस्या का पूजन विधि क्या है?

मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना फलदायी माना जाता है. इस दिन नित्य कर्मों को करने के बाद गंगा नदी में स्नान करें और यदि आप किसी कारण वश ऐसा न कर पाएं तो नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं. स्नान के पश्चात भगवान विष्णन का ध्यान रखते हुए व्रत का संपल्प लें. फिर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने के बाद तुलसी मैया की 108 बार परिक्रमा करें. उसके उपरांत अपने गरीबों को भोजन, धन अथवा वस्त्र आदि दान करें.

मौनी अमावस्या पर करें ये उपाय

  • जो लोग अपने पूर्वजों की कृपा पाना चाहते हैं वह मौनी अमावस्या के दिन पीले वस्त्र पहनकर पितरों का ध्यान करें. ऐसा करना शुभ होता है और इससे पूर्वज प्रसन्न होते हैं.
  • घर के मुख्य द्वार पर जल में हल्दी मिलाकर छींटे लगाएं और साथ ही घर की चौखट की साफ-सफाई करें. इस उपाय को करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है.
  • मौनी अमावस्या की तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है और पीपल के पेड़ के पूजन का भी विधान है.

-भारत एक्सप्रेस 



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