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Panchang of 26 April 2025: वैशाख माह कृष्ण पक्ष त्रयोदशी, शुभ मुहूर्त और राहुकाल

26 अप्रैल 2025 को वैशाख माह कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि, उत्तराभाद्रपद-रेवती नक्षत्र, वैधृति-विष्कुम्भ योग रहेगा. अभिजीत मुहूर्त 11:55-12:43, राहुकाल 09:02-10:40. चंद्रमा मीन राशि में.

1 may 2025 Panchang

Panchang of 26 April 2025: वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 26 अप्रैल 2025 को रहेगी. इस दिन उत्तराभाद्रपद (06:27 तक) और रेवती (27:38 तक) नक्षत्र रहेंगे. योग में वैधृति (08:41 तक) और विष्कुम्भ (28:34 तक) का संयोग होगा. चंद्रमा मीन राशि में संचरण करेगा. शनिवार को अभिजीत मुहूर्त 11:55 से 12:43 तक और राहुकाल 09:02 से 10:40 तक रहेगा.

हिंदू पंचांग का महत्व: वैदिक पंचांग समय और काल की सटीक गणना का आधार है. यह पांच अंगों—तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण—से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय-सूर्यास्त, चंद्र-सूर्य की स्थिति, हिंदू मास और पक्ष की जानकारी प्रदान करता है.

शुभ मुहूर्त और राहुकाल

26 अप्रैल 2025 को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि रहेगी, जो सुबह 08:27 तक प्रभावी रहेगी. इस दिन सुबह 06:27 तक उत्तराभाद्रपद नक्षत्र और इसके बाद 27:38 तक रेवती नक्षत्र रहेगा. करण के संदर्भ में वणिज सुबह 08:27 तक, विष्टि शाम 18:41 तक और शकुनि 28:50 तक रहेगा.

यह दिन शनिवार का होगा, और योग में वैधृति सुबह 08:41 तक और विष्कुम्भ 28:34 तक रहेगा. सूर्योदय सुबह 05:46 पर और सूर्यास्त शाम 18:52 पर होगा. चंद्रमा इस दिन मीन राशि में संचरण करेगा.

राहुकाल सुबह 09:02 से 10:40 तक रहेगा, जबकि शुभ अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:55 से 12:43 तक रहेगा. विक्रमी संवत् 2082, शक संवत् 1947 (विश्वावसु) और मास वैशाख होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, यह जानकारी शुभ कार्यों के लिए समय निर्धारण और दैनिक योजना बनाने में सहायक है.

पंचांग के पांच अंग:

तिथि: चंद्र और सूर्य रेखांक के बीच 12 अंश की दूरी को तिथि कहते हैं. एक माह में 30 तिथियां होती हैं, जो शुक्ल और कृष्ण पक्ष में बंटी हैं. तिथियां: प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, पूर्णिमा/अमावस्या.

नक्षत्र: आकाश में तारा समूह को नक्षत्र कहते हैं. 27 नक्षत्र हैं, जैसे अश्विन, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा आदि.

वार: सात वार—सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार—ग्रहों के नाम पर आधारित हैं.

योग: सूर्य-चंद्र की विशेष दूरी से बनने वाले 27 योग हैं, जैसे विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, सिद्धि, वैधृति आदि.

करण: एक तिथि में दो करण होते हैं. 11 करण हैं—बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग, किस्तुघ्न. विष्टि करण (भद्रा) में शुभ कार्य वर्जित हैं.

26 अप्रैल 2025 का पंचांग शुभ कार्यों के लिए समय निर्धारण में सहायक है. अभिजीत मुहूर्त में महत्वपूर्ण कार्य किए जा सकते हैं, जबकि राहुकाल में सावधानी बरतें. पंचांग के आधार पर दिन की योजना बनाएं.

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-भारत एक्सप्रेस



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