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ऐतिहासिक क्षण: तिरुवनंतपुरम के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में 270 सालों के बाद ‘महाकुंभभिषेक’, मन मोह रही स्‍वर्ण चमक

Shree Padmanabhaswamy Temple Kerala: श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में 270 सालों के बाद ‘महाकुंभभिषेक’ का आयोजन हो रहा है, यह श्रद्धालुओं को मंदिर की पवित्रता और दिव्यता के दर्शन करा रहा है.

Kerala Sree Padmanabhaswamy Temple

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में 270 सालों के बाद 'महाकुंभभिषेक' का आयोजन

Shri Padmanabhaswamy Temple: केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में 270 सालों के बाद ‘महाकुंभभिषेक’ का आयोजन किया जा रहा है. इस समारोह के कुछ वीडियो सामने आए हैं, जो प्राचीन मंदिर के लिए ऐतिहासिक और आध्यात्मिक घड़ी थी. यहां ‘महाकुंभभिषेक’ होना एक दुर्लभ समारोह है, जो मंदिर की पवित्रता और दिव्य शक्ति को पुनर्स्थापित करता है.

समारोह में मुख्य मंदिर के सामने के गुंबदों का सजना, विश्वक्सेन मूर्ति की पुनः स्थापना, और तिरुवाम्बाडी श्री कृष्णस्वामी मंदिर में ‘अष्टबंधकलशम’ रीति शामिल है. इन सभी रीति-रिवाजों को एक साथ संपन्न किया जाता है. यह समारोह सुप्रीम कोर्ट द्वारा मार्च 2017 में नियुक्त विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर किया जा रहा है, जिसने मूर्तियों में क्षति पाई थी.

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का इतिहास

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है. यह मंदिर त्रावणकोर शाही परिवार के लिए विशेष महत्व रखता है, जिसने लंबे समय तक इस मंदिर का प्रबंधन किया है. मंदिर की पुनर्स्थापना का पहला चरण चार साल पहले पूरा हुआ था, जिसमें तिरुवाम्बाडी श्री कृष्णस्वामी मंदिर में एक चांदी का ध्वजस्तंभ स्थापित किया गया था.

आयोजन का सांस्कृतिक, धार्मिक महत्व

‘महाकुंभभिषेक’ समारोह न केवल मंदिर की पवित्रता को दर्शाता करता है, बल्कि यह केरल की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को भी दुनिया के सामने लाता है. यह समारोह लाखों भक्तों और तीर्थयात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण का केंद्र बनने की उम्मीद है, जो मंदिर की दिव्यता और ऐतिहासिक महत्व को देखने के लिए इकट्ठा होंगे.

Padmanabhaswamy-Temple kerala

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में ‘महाकुंभभिषेक’ का आयोजन एक ऐतिहासिक घटना है, जो मंदिर की पवित्रता और दिव्यता को पुनर्स्थापित करने के साथ-साथ केरल की सांस्कृतिक विरासत को भी प्रदर्शित करता है. यह समारोह आज ही संपन्न होगा, और यह मंदिर के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने वाला है.

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