
भारत की पहली महिला ओलंपिक पदक विजेता करनम मल्लेश्वरी ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी पहली एक-के-बाद-एक मुलाकात को एक प्रेरणादायक पल बताया. इस मुलाकात ने उनके देश के लिए और अधिक योगदान देने के जुनून को फिर से जागृत किया. हरियाणा के यमुनानगर में अपनी अकादमी के दौरे के दौरान पीएम मोदी ने इस दो बार की विश्व चैंपियन वेटलिफ्टर से मुलाकात की और युवा एथलीटों को प्रशिक्षित करने के उनके प्रयासों की सराहना की.
करनम मल्लेश्वरी ने 2004 में खेल से संन्यास लेने के बाद अपने पति राजेश त्यागी के साथ 2017 में यमुनानगर, हरियाणा में अपनी पहली वेटलिफ्टिंग अकादमी शुरू की. उन्होंने IANS से बातचीत में बताया कि उन्होंने पीएम मोदी से अपनी अकादमी का दौरा करने का अनुरोध किया था, लेकिन उनके व्यस्त कार्यक्रम के कारण मोदी ने उन्हें मुलाकात के लिए आमंत्रित किया. “मैं उनसे मिलकर बहुत खुश थी. उन्होंने कहा, ‘आपने देश के लिए शानदार काम किया है और अभी भी अद्भुत कार्य कर रही हैं.’ मैंने उन्हें अपनी अकादमी के बारे में बताया, जहां वंचित परिवारों के बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं. पीएम ने कहा, ‘मुझे पता है.’ उन्होंने मुझे शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह आगामी ओलंपिक के लिए एक noble mission है,” करनम ने बताया.
पहली व्यक्तिगत मुलाकात का अनुभव
वर्तमान में दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की वाइस-चांसलर करनम ने बताया कि हालांकि वह पहले कई आयोजनों में पीएम मोदी से मिल चुकी थीं, लेकिन यह उनकी पहली व्यक्तिगत मुलाकात थी. “मुलाकात 7 से 10 मिनट तक चली. उन्होंने शांतिपूर्वक हमारी बात सुनी, कोई जल्दबाजी नहीं थी. मेरे पति और मैं दोनों वहां थे, और उन्होंने धैर्यपूर्वक हमारी बात सुनी. वह बहुत सकारात्मक और समर्थन करने वाले थे. उनसे मिलने के बाद मुझे नई ऊर्जा मिली, और मुझे लगता है कि मैं अब देश के लिए और अधिक कर सकती हूं,” उन्होंने कहा.
ओलंपिक में 10 पदक का सपना
दो बार की विश्व चैंपियन और दो बार की एशियाई खेलों की रजत पदक विजेता करनम ने 2000 सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर भारत की पहली महिला ओलंपिक पदक विजेता बनने का गौरव हासिल किया था. उन्होंने पीएम से कहा, “मैं सिडनी ओलंपिक में स्वर्ण पदक से चूक गई थी, और अब मेरा लक्ष्य 10 पदक जीतने का है. इसी संकल्प के साथ मैंने अपनी अकादमी शुरू की. मेरा सपना है कि वेटलिफ्टिंग में अधिक से अधिक ओलंपिक पदक जीतकर भारत को मजबूत बनाऊं.” उनकी यह महत्वाकांक्षा देश के लिए खेल में नई उपलब्धियां हासिल करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
पुरस्कार और सम्मान
करनम मल्लेश्वरी को उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया है, जिनमें अर्जुन पुरस्कार (1994), खेल रत्न (1999) और पद्म श्री (1999) शामिल हैं. उनकी उपलब्धियां और समर्पण उन्हें भारतीय खेल इतिहास में एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बनाते हैं. उनकी अकादमी के माध्यम से वह न केवल युवा प्रतिभाओं को प्रशिक्षित कर रही हैं, बल्कि देश के खेल भविष्य को भी आकार दे रही हैं.
करनम मल्लेश्वरी और पीएम मोदी की मुलाकात ने न केवल उनकी व्यक्तिगत प्रेरणा को बढ़ाया, बल्कि भारत में खेल विकास के लिए उनके प्रयासों को भी मान्यता दी. उनकी यमुनानगर अकादमी वंचित बच्चों को अवसर प्रदान कर रही है, और पीएम का समर्थन इस मिशन को और मजबूती देता है. करनम का 10 ओलंपिक पदक जीतने का सपना भारत के खेल भविष्य के लिए एक बड़ा लक्ष्य है, और उनकी यह यात्रा देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है.
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-भारत एक्सप्रेस
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