रोटी से जुड़ा आजादी का वो रहस्यमय आंदोलन, जिसने अंग्रेजी हुकूमत की नाक में कर दिया था दम
1857 की क्रांति के समय रोटी से जुड़ा आंदोलन भी हुआ था, जिसने अंग्रेजों को भयभीत कर दिया था. इसने अंग्रेजों के सामने एक ऐसी पहेली खड़ी कर दी थी, जिसमें वे उलझ कर रह गए थे.
जब धोतियों की रस्सी बनाकर जेल की 17 फीट ऊंची दीवार लांघ जयप्रकाश नारायण ने अंग्रेजों को दिखाया था ठेंगा
JP के नाम से मशहूर जयप्रकाश नारायण (Jayaprakash Narayan) को सविनय अवज्ञा आंदोलन में उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए उन्हें अंग्रेजी हुकूमत ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था.
क्या आप जानते हैं गांधी जी को सबसे पहले राष्ट्रपिता कहकर किसने पुकारा था? यहां जान लीजिए
155 साल पहले महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) जैसी महान शख्सियत का जन्म हुआ, जो पूरे विश्व के लिए प्रेरणा स्रोत बने. जिसने अंग्रेजों के पसीने छुड़वाए और भारत को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई.
बीना दास: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की धधकती चिंगारी, जिन्होंने दीक्षांत समारोह में ही कलकत्ता के गर्वनर को मार दी थी गोली
क्रांतिकारी बीना दास के माता-पिता अपने बच्चों, खासकर अपनी बेटियों को ऐसे अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध थे जो उस समय दुर्लभ थे, जिसमें स्वतंत्रता, शिक्षा और सीखने की प्यास शामिल थी.
Independence Day Photo Feature | आजादी के रंग में रंगा देश, देखें विविधता में एकता की तस्वीरें
Photo Feature: 15 अगस्त को देश के विभिन्न हिस्सों में 78वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर के अरुणाचल प्रदेश तक देश तिरंगे के रंग में रंगा नजर आया.
Jawaharlal Nehru’s Tryst With Destiny Speech: ‘हमें स्वतंत्र भारत का महान भवन बनाना है, जहां उसके सभी बच्चे रह सकें’
आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14-15 अगस्त 1947 की दरमियानी रात को एक ऐतिहासिक भाषण दिया था, जिसे Tryst With Destiny के नाम से जाना जाता है.
कौन थीं भीकाजी कामा, जिन्होंने आजादी से बहुत पहले 1907 में विदेशी धरती पर लहराया था भारतीय ध्वज
‘भारतीय क्रांति की जननी’ के रूप में ख्याति अर्जित करने वाली भीकाजी कामा ने ब्रिटेन के अलावा अमेरिका और जर्मनी की अपनी यात्रा के दौरान भारत की स्वतंत्रता के लिए अभियान चलाया था.
पिंगली वेंकैया: तिरंगे के रचयिता को ही राष्ट्रध्वज नसीब न हुआ!
कांग्रेस के एक अधिवेशन के पिंगली वेंकैया ने राष्ट्रध्वज की आवश्यकता पर बल दिया था. उनका यह विचार महात्मा गांधी को बहुत पसंद आया. उन्होंने उन्हें राष्ट्रीय ध्वज का प्रारूप तैयार करने का सुझाव दिया था.
काकोरी कांड के 100 साल, जब क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी हुकूमत का लूट लिया था खजाना
अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लेते हुए साल 1925 में क्रांतिकारियों ने ट्रेन से ले जाए जा रहे उनके खजाने को लूट लिया था. इस लूटकांड को काकोरी के पास अंजाम दिया गया था.
भारत छोड़ो आंदोलन: 1942 में आज ही के दिन महात्मा गांधी ने दिया था ‘करो या मरो’ का नारा
महात्मा गांधी ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बॉम्बे अधिवेशन में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ को नई दिशा दी. इस आंदोलन ने ही देशवासियों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ जुटने के लिए प्रेरित किया.