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Indian Freedom Struggle

JP के नाम से मशहूर जयप्रकाश नारायण (Jayaprakash Narayan) को सविनय अवज्ञा आंदोलन में उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए उन्हें अंग्रेजी हुकूमत ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था.

155 साल पहले महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) जैसी महान शख्सियत का जन्म हुआ, जो पूरे विश्व के लिए प्रेरणा स्रोत बने. जिसने अंग्रेजों के पसीने छुड़वाए और भारत को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई.

क्रांतिकारी बीना दास के माता-पिता अपने बच्चों, खासकर अपनी बेटियों को ऐसे अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध थे जो उस समय दुर्लभ थे, जिसमें स्वतंत्रता, शिक्षा और सीखने की प्यास शामिल थी.

Photo Feature: 15 अगस्त को देश के विभिन्न हिस्सों में 78वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर के अरुणाचल प्रदेश तक देश तिरंगे के रंग में रंगा नजर आया.

आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14-15 अगस्त 1947 की दरमियानी रात को एक ऐतिहासिक भाषण दिया था, जिसे Tryst With Destiny के नाम से जाना जाता है.

‘भारतीय क्रांति की जननी’ के रूप में ख्याति अर्जित करने वाली भीकाजी कामा ने ब्रिटेन के अलावा अमेरिका और जर्मनी की अपनी यात्रा के दौरान भारत की स्वतंत्रता के लिए अभियान चलाया था.

कांग्रेस के एक अधिवेशन के पिंगली वेंकैया ने राष्ट्रध्वज की आवश्यकता पर बल दिया था. उनका यह विचार महात्मा गांधी को बहुत पसंद आया. उन्होंने उन्हें राष्ट्रीय ध्वज का प्रारूप तैयार करने का सुझाव दिया था.

अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लेते हुए साल 1925 में क्रांतिकारियों ने ट्रेन से ले जाए जा रहे उनके खजाने को लूट लिया था. इस लूटकांड को काकोरी के पास अंजाम दिया गया था.

महात्मा गांधी ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बॉम्बे अधिवेशन में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ को नई दिशा दी. इस आंदोलन ने ही देशवासियों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ जुटने के लिए प्रेरित किया.

क्रांतिकारी उधम सिंह को साल 1919 में हुए जलियांवाला बाग नरसंहार ने हिलाकर रख दिया था. इस दर्दनाक घटना का बदला लेने के लिए वह लंदन पहुंच गए थे और नरसंहार के समय पंजाब के लेफ्टिनेंट गवर्नर रहे माइकल ओ डायर की हत्या कर दी थी.