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Muslims

अयोध्या में भव्य राम मंदिर का पुनर्निर्माण होने के बाद से हिंदू अनुयायी ही नहीं, अपितु अन्य मजहबों जैसे सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और मुस्लिम समुदाय के लोग भी 'रामलला' का दर्शन करने आ रहे हैं.

मुस्लिम समुदाय के एक प्रमुख संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद का मानना है कि असम की सरकार के फैसले से मुस्लिम विवाहों के विनियमन और दस्तावेज़ीकरण की कमी हो जाएगी। मुसलमानों को विवाह का पंजीकरण बाधित होगा। औरतों को खतरों का सामना करना पड़ सकता है।

Baghpat Court Lakshagraha News: उत्तर प्रदेश में बागपत जिले के कृष्ण बोध आश्रम (लाक्षाग्रह) और बदरुद्दीन की दरगाह का विवाद सुलझने की ओर है. इस मामले में अब न्यायालय ने निर्णय सुना दिया है.

UP Halal Certification Case: यूपी में हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट्स को लेकर काफी बवाल हुआ था. कुछ संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी. इसी मामले में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ महमूद मदनी की मुश्किलें बढ गई थीं.

Muslim Rashtriya Manch: मुस्लिम राष्‍ट्रीय मंच की ओर से राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पर खुशियां मनाई गईं. इस अवसर पर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, हज़रत कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी समेत देश की अनेकों दरगाहें, मकबरे, मदरसे रोशन हुए।

महादेव की नगरी काशी में आज हजारों मुसलमानों ने जय सिया राम के जयकारे लगाए. संघ के वरिष्ठ नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार हिंदू-मुस्लिम समुदाय के बीच सद्भावना बढ़ाने वाला संबोधन दिया. उन्‍होंने कहा कि संस्कारों के बिना शिक्षा ताले के समान है, लोग मानवता के साथ सक्षम बनें.

कश्मीरी मुस्लिमों का मानना है कि अपने रंग और सुगंध के लिए चुना गया केसर, भगवान राम के 5 वर्षीय रूप रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए सबसे उपयुक्त उपहार है. इसलिए केसर अयोध्या भिजवा रहे हैं.

PM मोदी द्वारा भेजी गई चादर को लेकर अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी अजमेर दरगाह पहुंचे. इस मौके पर वहां अजमेर अल्पसंख्यक मोर्चा की ओर से आतिशबाजी की गई

Ram Jan Survey 2024: आयुर्वेदा फाउंडेशन चेरिटेबल ट्रस्ट और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से भारतीय मुसलमानों के बीच देशव्यापी "राम जन सर्वे" किया गया. इस सर्वे में मुसलमानों ने माना कि मोदी सरकार ने दुनिया में देश का मान बढ़ाया है. मुस्लिम समुदाय श्रीराम मंदिर निर्माण से संतुष्ट है. वे भी जय सिया राम के नारे लगाएंगे.

एसआईटी की जांच का उद्देश्य ये है कि, क्या पैसे का इस्तेमाल मदरसा चलाने या किसी अन्य गतिविधियों के लिए किया जा रहा है?