Bharat Express

‘बिन तरबियत तालीम बंद ताले समान…काबिल बनें इंसानियत के साथ’, बोले मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के सुप्रीमो इंद्रेश कुमार

महादेव की नगरी काशी में आज हजारों मुसलमानों ने जय सिया राम के जयकारे लगाए. संघ के वरिष्ठ नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार हिंदू-मुस्लिम समुदाय के बीच सद्भावना बढ़ाने वाला संबोधन दिया. उन्‍होंने कहा कि संस्कारों के बिना शिक्षा ताले के समान है, लोग मानवता के साथ सक्षम बनें.

indresh kumar rss

संघ के वरिष्ठ नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार

Varanasi news Today: काशी विश्वनाथ की पावन धरती से संघ के वरिष्ठ नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने शिक्षा और संस्कार को एकदूसरे का पूरक बताते हुए ऐलान किया कि बिन तरबियत तालीम बंद पड़े ताले के समान है..इसलिए काबिल बनें लेकिन इंसानियत और अमन के साथ। उन्होंने पाकिस्तान का उदाहरण देते हुए कहा कि वो एक ऐसा नापाक मुल्क है जहां मुस्लिम ही मुस्लिम की जान के दुश्मन हैं और कतलगरत कर रहे हैं तो दूसरी तरफ मर्यादा पुरुषोत्तम का देश भारत है जहां हर धर्म, वर्ग, समुदाय के लोग मिल्लत और मुहब्बत के साथ रहते हैं।

इस मौके पर राम को पूर्वज और आदर्श मानते हुए हजारों की तादाद में मौजूद मुसलमानों ने जय सिया राम के नारे लगाए। वहीं, बनारस में दो अलग अलग कार्यक्रमों में लगभग 10 हजार मुस्लिम बच्चों, युवाओं और वृद्धों को संबोधित करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि कोई भी शिक्षा संस्कार के बिना नहीं हो सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों के अंदर ऐसी तरबियत (संस्कार) होनी चाहिए कि वो सच्चाई और अमन के रास्ते पर चलते हुए इंसान और राष्ट्रभक्त बनें, शैतान नहीं। इंद्रेश कुमार ने ज़ोर देकर कहा कि हिंदुस्तान की तहज़ीब, तरबियत और तालीम अगर पाकिस्तान को मिल जाए तो वहां भी अमन चैन और इंसानियत का माहौल बन जाएगा।

indresh kumar rss news

भाषण के दौरान उन्होंने इस बात का जिक्र भी किया कि कश्मीर के लोग अमन पसंद हैं और जिन लोगों ने वहां बंदूक उठाई ऐसा सीखने और सिखाने वाली कौम भी भारतीय नहीं है। इंद्रेश कुमार ने मजहबी और कट्टरपंथ का फर्क बताते हुए कहा कि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना। यही कारण है कि दुनिया को जब भी जरूरत हुई भारत सरकार ने कभी अनाज, तो कभी वैक्सीन, दवाएं और मेडिकल इक्विपमेंट्स तो कभी कंबल, कपड़ों और दूसरे जरूरी समानों के ट्रक और कंटेनर मदद के लिए भेजे हैं।

इंद्रेश कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि एकता, अखंडता और एकरसता से चलते हुए देश को छुआ छूत मुक्त, दंगा मुक्त, दहशत मुक्त, गरीबी मुक्त, जहालत और धर्मांतरण मुक्त करने की जरूरत है। इंद्रेश कुमार ने मौजूद लोगों को वचन देने को कहा कि ऐसी सोच रखें की भले ही आधी रोटी खाएं लेकिन बच्चों को ज्ञान के सागर से लबरेज करें अर्थात बच्चों को जरूर तालीम और तरबियत (शिक्षा और संस्कार) दें।

इस मौके पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के अध्यक्ष मोहम्मद अफजाल ने अनेकता में एकता पर जोर देते हुए कहा कि हम सबको मिल कर रहना है। मंच के राष्ट्रीय संयोजक सैयद रज़ा हुसैन रिजवी ने इंद्रेश कुमार की तारीफ करते हुए अपनी बातें रखी। उन्होंने कहा कि इंद्रेश कुमार ने समाज के हर वर्ग को एक माला के रूप में पिरोया है, न कोई छोटा न कोई बड़ा। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी माला है जिसमें शिया, सुन्नी, वहाबी, बरेलवी या किसी अन्य का कोई मामला नहीं है, सभी एक समान मोती के मानिंद हैं।

इस मौके को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत बताते हुए मंच की महिला प्रमुख शालिनी अली ने सर्वधर्म समभाव पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “दीवाली में अली बसे, और राम में बसे रमजान।” उन्होंने सभी को एक दूसरे के धर्म का सम्मान करते हुए एक दूसरे के त्योहारों में शिरकत करने की अपील की। उत्तर प्रदेश के पूर्वोत्तर संयोजक मोहम्मद अजहरुद्दीन भी मौके पर उपस्थित थे।

काशी में अल हनीफ एजुकेशनल ग्रुप की तरफ से शिक्षा और संस्कार पर एक संगोष्ठी और दूसरे में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के आयोजन, सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा…किया गया था। यह आयोजन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के यूपी पूर्वोत्तर के संयोजक मोहम्मद अजहरुद्दीन ने किया था।

पहले कार्यक्रम में कालेज के छात्र छात्राओं ने शिक्षा और संस्कार की थीम पर आधारित नृत्य और रंगा रंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इस बीच यह बात भी हुई कि प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जो अफवाह मुसलमानों के बीच फैलाई गई सब निराधार है। अंत में अल हनीफ एजुकेशनल ग्रुप के चेयरमैन हाजी वसीम ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया और सबने एक सुर में जय श्री राम के नारे लगाए।

Bharat Express Live

Also Read

Latest