Advocate Kanika Bharadwaj exposes the Dark Side of Law and Justice | Podcast | Ujjwal Mishra
उज्ज्वल मिश्रा के साथ पॉडकास्ट में एडवोकेट कनिका भारद्वाज ने कानून और न्याय की अंधेरी सच्चाइयों को उजागर किया। उन्होंने ये माना कि लड़कों के लिए आज के दौर में कानून कमजोर हैं जिन्हें मजबूत करने की जरूरत है। कनिका ने जोर दिया कि हाई-प्रोफाइल केसों में मीडिया और राजनीतिक दबाव भी निष्पक्षता को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश और ईमानदार वकीलों के प्रयास सिस्टम को सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं। देखिए पॉडकास्ट...
Adv. Kanika Bharadwaj Podcast: Court Decisions को क्या Media Trial प्रभावित करते हैं? Ujjwal Mishra
उज्ज्वल मिश्रा के पॉडकास्ट में एडवोकेट कनिका भारद्वाज के साथ चर्चा हुई कि क्या मीडिया ट्रायल कोर्ट के फैसलों को प्रभावित करते हैं? सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिक कर रहीं एडवोकेट कनिका ने बताया कि भारत में जजों को कानून और सबूतों के आधार पर फैसले लेने की सख्त ट्रेनिंग होती है, जिससे मीडिया का प्रभाव सीमित रहता है। हालांकि, हाई-प्रोफाइल केसों में मीडिया की आक्रामक कवरेज से जनता का दबाव बढ़ सकता है, जो अप्रत्यक्ष रूप से माहौल को प्रभावित करता है। फिर भी, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के दिशानिर्देश सुनिश्चित करते हैं कि न्यायिक प्रक्रिया स्वतंत्र और निष्पक्ष रहे। देखिए पॉडकास्ट...
Adv. Kanika Bharadwaj Podcast: Jolly LLB, OMG जैसी फिल्मों में दिखाया जाने वाला Courtroom drama कितना सच कितना झूठ?
उज्ज्वल मिश्रा के पॉडकास्ट में एडवोकेट कनिका भारद्वाज के साथ 'Jolly LLB' और 'OMG' जैसी फिल्मों में दिखाए गए कोर्टरूम ड्रामे की सच्चाई पर चर्चा हुई। फिल्मों में कोर्ट की कार्यवाही को नाटकीय बनाया जाता है, जैसे जोरदार भाषण और त्वरित फैसले, जो वास्तविकता से भिन्न हैं। असल कोर्ट में प्रक्रिया लंबी, तकनीकी और कम नाटकीय होती है। 'Jolly LLB' में भ्रष्टाचार और 'OMG' में सामाजिक मुद्दों को अतिशयोक्ति के साथ दिखाया गया, जो मनोरंजन के लिए है। हालांकि, ये फिल्में कानूनी प्रणाली की खामियों को उजागर करती हैं, लेकिन वास्तविकता अधिक जटिल और धीमी होती है। देखिए पॉडकास्ट
Adv. Kanika Bharadwaj Podcast: वकील कितने प्रकार के होते हैं? Supreme Court | High Court | Ujjwal Mishra
उज्ज्वल मिश्रा के पॉडकास्ट में एडवोकेट कनिका भारद्वाज के साथ वकीलों के प्रकारों पर चर्चा हुई। भारत में वकील मुख्य रूप से सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, और जिला अदालतों में प्रैक्टिस करते हैं। सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट-ऑन-रेकॉर्ड (AOR) विशेष रूप से केस दाखिल करते हैं, जिन्हें न्यूनतम तीन वर्ष का अनुभव चाहिए। हाई कोर्ट में सिविल, क्रिमिनल, कॉन्स्टिट्यूशनल, मैट्रिमोनियल, और लेबर लॉ जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता वाले वकील होते हैं। जिला स्तर पर सत्र, सिविल, और आपराधिक वकील कार्य करते हैं। पैनल वकीलों का चयन अनुभव, अखंडता, और योग्यता के आधार पर होता है। देखिए वीडियो...
राजा रघुवंशी के भाई सचिन बोले- ‘सोनम ने 7 परिवारों को बर्बाद किया, उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो’, मेघालय सरकार से मांगी माफी
Raja Raghuvanshi Murder Case: राजा रघुवंशी के भाई सचिन रघुवंशी ने मेघालय सरकार से माफी मांगी. उन्होंने कहा, "सोनम की वजह से मेघालय की छवि खराब हुई. पुलिस ने 17 दिनों में केस सुलझाया. अब सभी हत्यारों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो."
‘शादी हुई तो अंजाम अच्छा नहीं होगा…’, सोनम ने मां को पहले ही बोल दिया था ऐसा, लेकिन परिवार ने छिपा ली उसके अफेयर की बात
राजा रघुवंशी मर्डर केस में सोनम की करतूतों से जुड़ी नई नई बातें सामने आ रही हैं. उसने अपने प्रेमी राज कुशवाह के साथ मिलकर पति राजा की हत्या की साजिश रची. उसने अपनी मां को भी चेतावनी दी थी, लेकिन परिवार ने उसका अफेयर छिपाया.
राजा रघुवंशी हत्याकांड में सोनम ‘किंगपिन’, फिर सोशल मीडिया पर राजा रघुवंशी की बहन को क्यों किया जा रहा ट्रोल
सृष्टि रघुवंशी ने भाई की लाश मिलने के कुछ दिनों के बाद ही कई रील्स शेयर किये. जिसमें कई प्रमोशनल कंटेंट भी थे. एक वीडियो में वह इंदौर के एक मसाज पार्लर का प्रमोशन करते भी नजर आ रही थी. जिसके बाद लोगों ने सृष्टि को ट्रोल करना शुरू कर दिया. पिछले 24 घंटों में सृष्टि ने भाई से जुड़े हुए 9 वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किये हैं.