अंडमान-निकोबार के द्वीपों का नाम हमारे नायकों पर रखने से आने वाली पीढ़ियां उन्हें याद रखेंगी : PM नरेंद्र मोदी
पीएम मोदी ने अंडमान-निकोबार के 21 द्वीपों के नामकरण का उल्लेख करते हुए कहा कि जो राष्ट्र अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं, वे ही विकास और राष्ट्र-निर्माण में आगे बढ़ते हैं. द्वीपों का नाम अपने नायकों के नाम पर रखना जरूरी था.
नेहरू नहीं, सुभाष चंद्र बोस बने थे देश के पहले PM, सिंगापुर में बनाई थी अस्थाई भारत सरकार, इन देशों ने दी थी मान्यता
सुभाष चंद्र बोस ने अपनी पूरी कैबिनेट का गठन किया, जिसमें एसी चटर्जी वित्त विभाग के प्रभारी थे, एसए अय्यर प्रचार और प्रसार मंत्री बने, लक्ष्मी स्वामीनाथन को महिला मामलों का मंत्रालय सौंपा गया.
Neera Arya: भारत की पहली महिला जासूस, जिन्होंने सुभाष चंद्र बोस की जान बचाने के लिए अपने पति का कत्ल कर दिया था
नीरा आर्या को नीरा नागिनी भी कहा जाता है. वह महान देशभक्त, साहसी और स्वाभिवानी महिला थीं, जिन्हें गर्व से याद किया जाता है. उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जान बचाने के लिए अपने पति का कत्ल कर दिया था.
बीना दास: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की धधकती चिंगारी, जिन्होंने दीक्षांत समारोह में ही कलकत्ता के गर्वनर को मार दी थी गोली
क्रांतिकारी बीना दास के माता-पिता अपने बच्चों, खासकर अपनी बेटियों को ऐसे अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध थे जो उस समय दुर्लभ थे, जिसमें स्वतंत्रता, शिक्षा और सीखने की प्यास शामिल थी.
आज भी रहस्य है नेताजी की मौत…जानें क्या है 18 अगस्त के दिन से उनका कनेक्शन, क्यों मांगी थी हिटलर से मदद?
आजादी के बाद भारत सरकार ने उनकी मौत के जांच के लिए 1956 और 1977 में दो बार आयोग नियुक्त किया.
Subhash Chandra Bose Jayanti 2024: “नेताजी भारत के शौर्य और पराक्रम के प्रतीक…”, श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बोले सीएम योगी
Lucknow: ताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती के मौके पर लखनऊ में सीएम योगी ने उनकी प्रतिमा का माल्यार्पण किया और उनको श्रद्धांजलि अर्पित की.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती आज, राष्ट्रपति-पीएम समेत इन दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि
Netaji Subhash Chandra Bose's 127th birth anniversary: भारत आज पराक्रम दिवस मना रहा है. पराक्रम दिवस नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर मनाया जाता है.
Subhash Chandra Bose Jayanti 2024: कुछ इस तरह जुड़ा है अयोध्या राम जन्मभूमि से नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाता…128वीं जयंती पर ताजा हुआ ‘राम भवन’ का किस्सा
Ayodhya: जैसे ही मूर्ति प्रकट होने की खबर सामने आई थी, लखनऊ से दिल्ली तक हड़कंप मच गया था. बताया जाता है कि, प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू तक चिट्ठियां लिखते रहे और मूर्ति हटाने को कहते रहे,