
दिल्ली हाईकोर्ट
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि वह आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के मामले में आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल को दी गई जमानत को फिलहाल रद्द करने पर जोर नहीं दे रहा है.
एएसजी एसवी राजू ने न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा से कहा कि भले ही ईडी इस स्तर पर केजरीवाल की जमानत रद्द करने पर जोर नहीं दे रहा है, लेकिन उन्हें नियमित जमानत देने वाला निचली अदालत का आदेश गलत, विकृत, कानून की दृष्टि से गलत है. इसे रद्द किया जाना चाहिए. न्यायमूर्ति ने इस मामले की सुनवाई 30 जुलाई के लिए स्थगित कर दी है.
एएसजी ने यह भी कहा कि जब तक इस तरह के मामले में जमानत देने का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के बड़ी पीठ के समक्ष लंबित है, तबतक इसे लंबी अवधि के लिए स्थगित कर दिया जाए. केजरीवाल के वकील ने इसका विरोध किया और कहा कि केजरीवाल को मिली जमानत नियमित जमानत की तरह ही है. अब उसमें कुछ नहीं बचा है.
केजरीवाल को राऊज एवेन्यू कोर्ट के अवकाशकालीन न्यायाधीश नियाय बिंदु ने 20 जून, 2024 को जमानत दे दी थी. उसे ईडी ने हाईकोर्ट में चुनौती दिया था. उसके बाद कोर्ट ने उस विवादित आदेश पर रोक लगा दिया था.
पिछले साल जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी और ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को बड़ी पीठ को भेज दिया था. केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च, 2024 को गिरफ्तार किया था. पिछले साल मई में उन्हें आम चुनावों के मद्देनजर 01 जून, 2024 तक के लिए सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत दी गई थी.
-भारत एक्सप्रेस
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