Modi Government New Decision: आम आदमी के लिए केंद्र सरकार द्वारा कई तरह की छोटी बचत स्कीम चलाई जाती हैं. इनके ब्याज केंद्रीय वित्त मंत्रालय के के इकॉनमिक अफेयर डिपार्टमेंट्स द्वारा तय होते हैं. फिलहाल में केंद्र सरकार रिकरिंग डिपॉजिट, पीपीएफ, सुकन्या समृद्ध योजना, महिला सम्मान सेविंग स्कीम, एनएससी, सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम्स चला रही है. ऐसे में अगर आपने भी इनमें से किसी स्कीम में निवेश किया है तो आपको बता दें कि इनके नियमों में कुछ बदलाव हुए हैं, जिन्हें जानना आपके लिए बहुत जरूरी है.
PPF में हुए बदलाव
दरअसल, जो लोग सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम के तहत खाता खुलवा कर निवेश करना चाहते हैं, उनके नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है. सरकार ने बड़ी राहत देते हुए अकाउंट खोलने की अवधि को बढ़ा दिया है. 9 नवंबर जारी एक सर्कुलर के अनुसार रिटायरमेंट के तीन महीने के भीतर निवेशक अपना अकाउंट खुलवा सकते हैं, पहले यह अवधि महज एक महीने की ही थी.
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इतना ही नहीं, सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम के तहत ब्याज दर की गणना मैच्योरिटी डेट बढ़ी हुई मैच्योरिटी डेट के आधार पर ही होगी. खास बात यह है पीपीएफ में भी बदलाव हुआ है. अगर कोई अकाउंट बंद कराना चाहता है तो उसमें मॉडिफिकेशन लागू होगा. इतना ही नहीं पहले निकासी से संबंधित नियम भी लागू किए जाएंगे.
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पोस्ट ऑफिस के बदले नियम
इसके साथ ही पोस्ट ऑफिस की स्कीम में भी सरकार ने बदलाव किए हैं. सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अगर किसी ने पांच साल की योजना में निवेश किया है और वो पहले ही पैसा निकालता है तो उसके ब्याज का पैसा पोस्ट ऑफिस के अकाउंट में आएगा. इतना ही नहीं, पांच साल की मैच्योरिटी के पहले चार साल में पैसा निकाला जाता है तो पैसे पर ब्याज तीन साल की स्कीम के तहत ही मिलेगा.
-भारत एक्सप्रेस