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दिल्ली में भूकंप के तेज झटके और गड़गड़ाहट की आवाज़! जानें इसके पीछे की वजह

दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों में भूकंप के झटकों के साथ लोगों ने तेज गड़गड़ाहट की आवाज भी सुनी. आइए जानते हैं इसके पीछे का विज्ञान.

Earthquake

Earthquake Causes and Effects: दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों में सोमवार सुबह अचानक धरती हिलने लगी, जिससे लोगों में दहशत फैल गई. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई, और इसका केंद्र दिल्ली में ही 5 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था. भूकंप के झटकों के साथ लोगों ने तेज गड़गड़ाहट की आवाज भी सुनी. हालाँकि, अब तक किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली है.

भूकंप के दौरान तेज आवाज क्यों आई?

भूकंप के दौरान कंपन की वजह से अक्सर तेज आवाज सुनाई देती है, खासकर जब भूकंप का केंद्र कम गहराई पर होता है.

सीस्मिक तरंगें और आवाज

अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप के दौरान धरती के अंदर सीस्मिक तरंगें पैदा होती हैं. इनमें P-वेव्स (प्राथमिक तरंगें) शामिल होती हैं, जो ध्वनि तरंगों की तरह हवा में कंपन पैदा करती हैं. जब ये तरंगें सतह के करीब होती हैं, तो लोग गड़गड़ाहट जैसी आवाज सुन सकते हैं.


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धरती की संरचना का असर

अगर कोई क्षेत्र कठोर चट्टानों से बना होता है, तो भूकंप की तरंगें तेजी से यात्रा करती हैं और आवाज ज्यादा तेज होती है. दिल्ली का भौगोलिक क्षेत्र इस मामले में संवेदनशील माना जाता है, जिससे यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं.

दिल्ली क्यों है भूकंप के लिए संवेदनशील?

दिल्ली सीस्मिक जोन-4 और 5 के अंतर्गत आती है, जो भूकंपीय दृष्टि से खतरनाक क्षेत्र माने जाते हैं.

दिल्ली में घनी आबादी

यहां बड़ी संख्या में ऊँची इमारतें और घनी आबादी है, जिससे भूकंप का खतरा और बढ़ जाता है.

पिछले भूकंप

23 जनवरी को भी दिल्ली में भूकंप महसूस किया गया था, जिसका केंद्र चीन में था.

भूकंप के बाद क्या करें?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नागरिकों को सावधान रहने और आफ्टरशॉक्स के लिए तैयार रहने की सलाह दी है. आफ्टरशॉक्स यानी मुख्य भूकंप के बाद आने वाले छोटे झटके, जो कभी-कभी असली भूकंप से भी ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं.

भूकंप के दौरान सुरक्षा के उपाय

  • खुले स्थानों पर जाएं – यदि संभव हो तो इमारतों से दूर खुले मैदान में रहें.
  • टेबल या मजबूत चीज़ों के नीचे छुपें – सिर और गर्दन को बचाने के लिए किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे रहें.
  • लिफ्ट का उपयोग न करें – भूकंप के समय सीढ़ियों का ही इस्तेमाल करें.
  • बिजली और गैस सप्लाई बंद करें – भूकंप के दौरान आग लगने का खतरा रहता है.

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-भारत एक्सप्रेस



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