
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश में अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना की गई है. इन विद्यालयों का उद्देश्य निर्माण श्रमिकों के बच्चों और कोविड-19 के दौरान अनाथ हुए बच्चों को निःशुल्क और उच्च गुणवत्ता वाली आवासीय शिक्षा उपलब्ध कराना है.
सभी 18 मंडलों में संचालित होंगे विद्यालय
बरेली के बाद अब मुरादाबाद में भी अटल आवासीय विद्यालय की शानदार इमारत बनकर तैयार हो गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक मई को इस भवन का शुभारंभ कर सकते हैं. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के सभी 18 मंडलों में अटल आवासीय विद्यालय अपनी-अपनी बिल्डिंग से संचालित होने लगेंगे.
बच्चों को मिलेगा बेहतर और सुरक्षित वातावरण
अब बरेली और मुरादाबाद के बच्चे, जो पहले लखनऊ और बुलंदशहर जैसे अन्य जिलों में पढ़ाई कर रहे थे, अपने ही मंडल में सुविधायुक्त अटल आवासीय विद्यालय में अध्ययन कर सकेंगे. इससे उन्हें न सिर्फ बेहतर शिक्षा बल्कि सुरक्षित और सुविधाजनक वातावरण भी मिलेगा.
विशेष श्रेणी के बच्चों को मिल रही प्राथमिकता
इन विद्यालयों में यूपीबीओसीडब्ल्यू (उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड) में पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों के साथ-साथ मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के पात्र अनाथ बच्चों और कोविड काल में माता-पिता को खो चुके बच्चों को प्राथमिकता दी जा रही है.
सपना बन रहा है साकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 सितंबर 2023 को वाराणसी में अटल आवासीय विद्यालयों का औपचारिक उद्घाटन किया था. जबकि इसकी आधारशिला 24 जनवरी 2020 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रखी थी. अब इन विद्यालयों के निर्माण से यह सपना साकार होता नजर आ रहा है.
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है मुरादाबाद का विद्यालय
मुरादाबाद में बना अटल आवासीय विद्यालय 13.5 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है. इसमें एकेडमिक ब्लॉक, रेजिडेंस ब्लॉक और छात्रावास की अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं. विद्यालय में कुल 1,000 छात्रों के बैठने की क्षमता है, जिसमें नए सत्र से 640 छात्र-छात्राएं पढ़ाई शुरू करेंगे.
भवन की मुख्य विशेषताएं
इस बिल्डिंग में 28 क्लासरूम, 11 आधुनिक प्रयोगशालाएं और लाइब्रेरी, 6 ट्यूटोरियल रूम, 300-300 सीनियर गर्ल्स और बॉयज डॉरमेट्री, 200-200 जूनियर गर्ल्स और बॉयज डॉरमेट्री, 6 टाइप-1, 6 टाइप-2 और 30 टाइप-3 रेजिडेंशियल फ्लैट्स, प्रिंसिपल आवास, अलग मेस, एसटीपी, 1,000 किलोवाट की ईएसएस (इलेक्ट्रिक सब स्टेशन) है. इस बिल्डिंग की निर्माण लागत लगभग 70 करोड़ रुपए है.
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-भारत एक्सप्रेस
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