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संभल का वो दंगा, जिसमें मारे गए थे 184 लोग, मंदिर पर लगा था ताला, अब योगी सरकार सच्चाई से उठाएगी पर्दा

जिस मंदिर का ताला पुलिस-प्रशासन ने खुलवाया है, उसके परिसर में एक कुआं भी था, इसी कुएं से लोग जल लेकर मंदिर में चढ़ाते थे, लेकिन मंदिर के बंद हो जाने के वहां पर अतिक्रमण कर कुएं को भी पाट दिया गया.

Sambhal violence

प्रशासन ने खुलवाया मंदिर का ताला और कुएं से निकलीं खंडित मूर्तियां.

उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के बाद से इस मुद्दे को लेकर जहां एक तरफ जमकर राजनीति हो रही है, वहीं अब खग्गू सराय इलाके में मिले भस्म शंकर मंदिर को लेकर तमाम सवाल भी खड़े हो रहे हैं. कहा जा रहा है कि आखिर 46 सालों से यह मंदिर क्यों बंद था? चार दशक पहले ऐसा क्या हुआ था कि मंदिर पर ताला लग गया? अब जब मंदिर खुला तो लोग इसकी सच्चाई भी जानना चाहते हैं, जिसको लेकर सीएम योगी ने भी विधानसभा में इस बात का जिक्र किया कि 1978 में हुए दंगे का सच बाहर आना जरूरी है.

सर्वे के दौरान हुई हिंसा

सीएम योगी के बयान के साथ ही अब जिला प्रशासन इसकी सच्चाई को बाहर लाने के लिए जुट गया है. प्रशासन द्वारा खुलवाए गए भस्म शंकर मंदिर की दूरी शाही जामा मस्जिद से महज एक किलोमीटर की दूरी पर है, जहां पर मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी.

सीएम योगी ने सदन में उठाया मुद्दा

बता दें कि सीएम योगी ने बीते दिन विधानसभा में संभल के भस्म शंकर मंदिर का मुद्दा उठाया. सीएम योगी के इन सवालों के बाद प्रशासन दंगे की फाइल खोलने की तैयारी कर रहा है. संभल में 29 मार्च 1978 को दंगा भड़क गया था, जिसके बाद करीब दो महीने तक शहर में कर्फ्यू लगा रहा. हिंसा में 184 लोगों की जान गई और इस मामले में 169 मुकदमे दर्ज किए गए. हालांकि, स्थानीय लोगों का दावा है कि पीड़ितों को आज तक न्याय नहीं मिला, लेकिन अब एक बार फिर से पीड़ितों को एक आस जगी है कि उन्हें न्याय मिलेगा.

दंगे से जुड़ी फाइलें खुलेंगी

मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय सिंह ने संभल डीएम राजेंद्र पैंसिया से दंगे से जुड़ी सभी फाइलें मांगी हैं. लोगों की शिकायत के आधार पर प्रशासन फिर से मामले की जांच-पड़ताल करने जा रहा है. मामले को लेकर आंजनेय सिंह ने एक अहम मीटिंग भी आज (17 दिसंबर) बुलाई है.

मंदिर परिसर में मिला कुआं

जिस मंदिर का ताला पुलिस-प्रशासन ने खुलवाया है, उसके परिसर में एक कुआं भी था, इसी कुएं से लोग जल लेकर मंदिर में चढ़ाते थे, लेकिन मंदिर के बंद हो जाने के वहां पर अतिक्रमण कर कुएं को भी पाट दिया गया. अब इस कुएं की खुदाई हुई, तो कई खंडित मूर्तियां निकली हैं. कुएं से निकली मूर्तियों में एक गणेश जी की, पार्वती जी और लक्ष्मी जी की मूर्तियां शामिल हैं. जिलाधिकारी राजेंद्र पैंसिया ने कहा कि फिलहाल यह मामला जांच का विषय है, मूर्तियां कुएं के अंदर कैसे पहुंचीं, क्या हुआ था, यह सब जांच में पता चलेगा?

सच बाहर लाने की उठी मांग

मंदिर मिलने के बाद इस पर नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं. बीजेपी नेताओं का कहना है कि संभल में जो भी हुआ, उसका सच बाहर आना बहुत जरूरी है. देश और राज्य के लोगों को यह पता होना चाहिए कि संभल से लोग पलायन करने को क्यों मजबूर हुए? जिस तरह से कश्मीर के पंडितों का दर्द और सच सबके सामने आया, ठीक उसी तरह से संभल का सच भी सामने आना चाहिए.

यह भी पढ़ें- “उन दरिंदों को अब तक…”, संभल में मिले मंदिर को लेकर CM Yogi ने दिया बड़ा बयान, खड़े किए ये सवाल

पुलिस ने खुलवाया मंदिर का ताला

बता दें कि प्रशासन और पुलिस की टीम बिजली चोरी की जांच करने के लिए इस इलाके में पहुंची थी, इसी दौरान घरों के बीच एक मंदिर मिला. पुलिस ने जब आसपास पूछताछ की और जानकारी जुटाई, तो पता चला कि यह मंदिर कई दशक से बंद पड़ा है. प्रशासन ने मंदिर का ताला खोलकर अंदर साफ-सफाई की, जिसके बाद बात निकलकर आई कि मंदिर को दंगे के बाद से कभी नहीं खोला गया था.

-भारत एक्सप्रेस



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