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यूपी लोक सेवा आयोग ने प्रदर्शनकारी छात्रों की एक मांग स्वीकार की, एक ही दिन में होगी PCS परीक्षा

समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी (RO/ARO) परीक्षा और संभागीय सिविल सेवा (PCS) प्रारंभिक परीक्षा अलग-अलग तिथियों और कई पालियों में आयोजित करने के फैसले के खिलाफ छात्र प्रयागराज स्थित उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं.

छात्रों का प्रदर्शन पिछले कुछ दिनों से जारी था. इस दौरान उनकी पुलिस से भिड़ंत भी हुई थी.

Prayagraj Student Protest: प्रयागराज में छात्रों के विरोध प्रदर्शन को लेकर बढ़ते राजनीतिक विवाद के बीच उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने गुरुवार (14 नवंबर) एक महत्वपूर्ण भर्ती परीक्षा एक ही पाली (Shift) में आयोजित करने का फैसला किया है, जबकि संभागीय सिविल सेवा (PCS) परीक्षा के लिए प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में आयोजित की जाएगी. इसके अलावा आयोग ने समीक्षा अधिकारियों और सहायक समीक्षा अधिकारियों की भर्ती के लिए परीक्षा कैसे आयोजित की जा सकती है, इस पर विचार करने के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया है.

जारी रहेगा प्रदर्शन

हालांकि, यह कदम प्रदर्शनकारी छात्रों को शांत करने में विफल रहा है. प्रदर्शनकारी छात्रों ने लोक सेवा आयोग पर आंदोलन को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार आरओ/एआरओ पदों के लिए एक ही शिफ्ट में परीक्षा कराने का फैसला नहीं करती, तब तक वे विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे.

छात्र लोक सेवा आयोग की इस घोषणा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं कि दोनों नौकरियों की परीक्षाएं दो दिनों में दो शिफ्टों में आयोजित की जाएंगी. उन्होंने ‘एक दिन, एक शिफ्ट’ परीक्षा की मांग की है, क्योंकि उन्हें डर है कि कई तिथियों और शिफ्टों से पेपर लीक होने का खतरा बढ़ जाएगा.

आयोग का तर्क

आयोग ने पहले कहा था कि शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने का फैसला आवेदकों के लाभ और परीक्षा की पवित्रता को बनाए रखने के लिए लिया गया था. एक प्रवक्ता ने कहा था कि वे केवल उन केंद्रों पर परीक्षा आयोजित करेंगे, जहां अनियमितताओं की संभावना न हो. प्रवक्ता ने कहा था कि केवल सरकारी या वित्त पोषित शैक्षणिक संस्थानों को ही परीक्षा केंद्र के रूप में नामित किया जा रहा है, जो बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन या कोषागार के 10 किलोमीटर के दायरे में हैं और जिनका संदेह या ब्लैकलिस्टिंग का कोई इतिहास नहीं है. प्रवक्ता ने कहा था कि यही कारण है कि आयोग को शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने का विकल्प चुनना पड़ा.

योगी के हस्तक्षेप पर फैसला

हालांकि छात्र इससे सहमत नहीं हुए और उन्होंने अपना आंदोलन तेज कर दिया, जिसके कारण प्रयागराज में यूपी लोक सेवा आयोग के कार्यालय के बाहर अफरातफरी मच गई. आयोग के शीर्ष अधिकारियों ने गुरुवार को एक बैठक की और इस मुद्दे पर चर्चा की. बताया जा रहा है कि यह फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद लिया गया.

हालांकि छात्रों ने इस समाधान को खारिज कर दिया है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘सरकार हमें गुमराह कर रही है. हम यहां से तब तक नहीं हटेंगे जब तक वे यह घोषणा नहीं करते कि आरओ/एआरओ परीक्षा भी एक दिन, एक शिफ्ट में होगी. हमारी दो मांगें हैं, उन्होंने एक पूरी कर दी है.’

क्यों हुआ विवाद

मालूम हो कि समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी (RO/ARO) परीक्षा और संभागीय सिविल सेवा (PCS) प्रारंभिक परीक्षा अलग-अलग तारीखों और कई पालियों (Shift) में आयोजित करने के फैसले के खिलाफ उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के हजारों अभ्यर्थी बीते 11 नवंबर से प्रयागराज में आयोग मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान छात्रों की पुलिस से भिड़ंत भी हुई थी.

छात्रों ने जताया था ये संदेह

फरवरी 2024 में आयोजित आरओ/एआरओ (प्रारंभिक) परीक्षा के लिए 10 लाख से अधिक लोगों ने आवेदन किया था, लेकिन पेपर लीक होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे रद्द कर दिया था.

छात्रों के मुताबिक, अगर ये परीक्षाएं अलग-अलग दिनों और पालियों में आयोजित की गईं तो पेपर में पारदर्शिता की कमी हो सकती है और धांधली की संभावना बढ़ सकती है. एक ही दिन परीक्षा आयोजित करने से निष्पक्षता और समान अवसर सुनिश्चित होंगे. छात्रों का कहना है कि आयोग ने पहले एक शिफ्ट और एक ही दिन में परीक्षा आयोजित की थी. अब दो शिफ्ट में दो दिन परीक्षा आयोजित करना उचित नहीं है, क्योंकि हाल ही में पेपर लीक होने के कारण परीक्षा की पारदर्शिता और सरकारी एजेंसियों की कार्यकुशलता पर गंभीर संदेह है.

-भारत एक्सप्रेस

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