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‘सीरिया जाना खतरे से खाली नहीं’, भारतीय विदेश मंत्रालय ने जारी की Travel Advisory, जानिए वजह

Syria War: पश्चिम एशियाई देश सीरिया में खून-खराबे की घटनाओं में तेजी आई है. पिछले हफ्ते वहां विद्रोहियों ने दो शहरों पर कब्जा कर लिया. इसने 14 साल पहले शुरू हुए गृहयुद्ध की याद दिला दी है.

indian embassy in syria

सीरिया में अशांति.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने सीरिया के लिए एक ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में भारतीय नागरिकों को अगली अधिसूचना तक सीरिया की यात्रा से बचने की सलाह दी गई है. विदेश मंत्रालय ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर +963993385973 और ईमेल आईडी hoc.damascus@mea.gov.in भी जारी किया.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पिछले कुछ समय के दौरान उत्तरी सीरिया में लड़ाई बढ़ गई है. हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. वहां लगभग 90 भारतीय नागरिक हैं. वहां पर मौजूद भारतीय कई संस्थानों के साथ जुड़े हुए हैं और काम कर रहे हैं. हमारा दूतावास उनकी सुरक्षा के लिए नियमित रूप से उन भारतीय नागरिकों के संपर्क में है.

सीरिया में क्यों सरकार और विद्रोहियों में हो रहा है घमासान?

सीरिया में पिछले हफ्ते विद्रोहियों ने दो शहरों पर कब्जा कर लिया. इसने दुनिया को एक बार फिर से याद दिला दिया है कि सीरिया में 14 साल पहले शुरू हुआ गृहयुद्ध अभी खत्म नहीं हुआ और ये कभी खत्म हुआ भी नहीं था.

-साल 2011 में लोकतंत्र के लिए सीरिया में तत्कालीन तानाशाह राष्ट्रपति बशर अल असद को सत्ता से हटाने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे
-लेकिन उस आंदोलन को असद सरकार की सेना ने कुचल दिया.
-इसके बाद एक सशस्त्र विरोधशुरू हुआ जिसमें पहले छोटे छोटे उग्रवादी और सीरियाई सेना के कुछ विद्रोही थे.
-यह सारी ताकतें बिखरी हुई थीं और उनकी विचारधारा भी अलग अलग थी लेकिन सभी के एक ही लक्ष्य था असद सरकार का तख्ता पलट.
-इनके अलग अलग हिस्सों को विदेश ताकतों का भी समर्थन जिनमें तुर्की, सऊदी अरब, यूएई और यहां तक कि अमेरिका भी शामिल था.

चार साल पहले हुआ था युद्धविराम

-साल 2020 में रूस और तुर्की ने युद्धविराम पर सहमति जताई और एक सुरक्षा कॉरिडोर बनाने पर भी सहमति जताई जिससे आंतकों को दूर रखा जा सके.
-तब से अब तक कोई बड़ी घटना नहीं हुई
-लेकिन सीरिया की असद सरकार भी अपने सारे इलाके वापस हासिल ना कर सकी.
-इस बीच पिछले हफ्ते अचानक हालात बदल गए.

अब अचानक वहां क्या हुआ?

-इस बार विद्रोहियों ने अल्प्पो पर हमले से शुरुआत की और वे एकजुट होकर मिलिट्री ऑपरेशन कमांड के नए गठबंधन के रूप में सामने आए
-तेजी से पहले अलप्पों के बाहर के गावों  कब्जा किया और फिर अब पूरे शहर पर उनका कब्जा बताया जा रहा है.
-इसके एक हफ्ते के बाद विद्रोहियों ने अलप्पो से 150 किलोमीटर दक्षिण में, हमा शहर पर भी कब्जा कर लिया.
-विद्रोही अब सीरियाई सेना को और दक्षिण में स्थित होमोस शहर तक धकेलना चाहते हैं.

असद सरकार के समर्थन में कौन?

-असद सरकार को रूस और ईरान से समर्थन मिला
-जमीन पर ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स और लेबनानी प्रोक्सी हिज्बुल्लाह ने विद्रोहियो से लड़ने में असद सरकार का साथ दिया
-रूसी हवाई विमानों ने भी मदद की.

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