पापुआ न्यू गिनी में पीएम मोदी (तस्वीर: Video Grab)
अंग्रेजी में एक पुरानी कहावत है, “A friend in need is a friend indeed”. यानी मुश्किल में जो काम आए वही सच्चा मित्र है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी कहावत के जरिए 14 पेसिफिक आईलैंड देशों को चीन के खिलाफ आगाह किया. उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर चीन का हवाला देते हुए कहा कि जिन्हें विश्वासपात्र कहा जाता रहा है, वो जरूरत के दौरान हमारे लिए कभी काम नहीं आ सके.
22 मई को पापुआ न्यू गिनी में प्रधानमंत्री नेरंरद्र मोदी ने PICs (14 प्रशांत द्वीपीय देश) के सम्मेलन में भारत को उनका खैरख्वाह बताया. उन्होंने बताया कि कैसे जरूरत के दौरान भारत PICs देशों के लिए खड़ा रहा है. जबकि, कुछ देशों ने उनसे सिर्फ और सिर्फ लाभ कमाने का इरादा रखा. पोर्ट मोरेसबी में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत पापुआ न्यू गिनी समेत सभी PICs के साथ खड़ा है और भारत को एक विश्वसनीय साझेदार के तौर पर माना जा सकता है.
प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि भारत का सहयोग मानव मूल्यों पर आधारित है. गौरतलब है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ये टिप्पणी ऐसे वक्त में सामने आई है, जब प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन का आक्रामक रुख देखने को मिल रहा है.
PICs के राष्ट्राध्यक्षों से बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने कोविड-19 की महामारी और दूसरे वैश्विक चुनौतियों का जिक्र किया. उन्होंने कहा, “जिन्हें हम अपना विश्वासपात्र मानते हैं, वो लोग जरूरत पड़ने पर हमारे साथ खड़े नहीं हुए. चुनौतियों से भरे समय में एक पुरानी कहावत सही सिद्ध हुई, ‘जरूरत के वक्त जो काम आए, वही सच्चा दोस्त है’.”
नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं खुश हूं कि भारत प्रशांत द्वीर के मित्रों संग चुनौतियों के दौर में डंटकर खड़ा रहा. बात चाहें वैक्सीन या जरूरी दवाओं की हो या फिर गेहूं या गन्ना के सप्लाई की. भारत इस काम में अपनी पूरी क्षमता के अनुसार सभी साझेदार राष्ट्रों को सहयोग दे रहा था.
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