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Israel Hamas Gaza palestine War: पश्चिमी एशिया में इजरायल और हमास की जंग शुरू हुए 15 दिन से ज्यादा हो चुके हैं. इस जंग में दोनों ओर के हजारों लोगों की जानें जा चुकी हैं. 7 अक्टूबर की सुबह इजरायल पर हुए भीषण आतंकी हमले के बाद इजरायली सरकार ने युद्ध का ऐलान कर दिया था और हमास को मिटाने के लिए गाजा पर एयर स्ट्राइक शुरू कर दीं. इजरायली एयर स्ट्राइक्स में गाजा की सैकड़ों इमारतें तबाह हो गईं और चारों ओर धूल-धुआं और मलबा बिखर गया. जंग में औरतें और बच्चे भी मारे गए…ऐसे में दुनिया के कई देश इस जंग को रुकवाने की कोशिश कर रहे हैं.
आज इजरायल और गाजा से सटे अफ्रीकी देश मिस्र (Ggypt) में अहम बैठक हो रही है. इस बैठक में अरब प्रायद्वीप के देश संयुक्त अरब अमीरात, कतर, मिस्र, और यूरोपियन काउंसिल समेत इटली, स्पेन, ग्रीस, कनाडा जैसे 10 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं. काहिरा में यह बैठक मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सीसी के अगुवाई में हो रही है, जिसे ‘पीस समिट’ नाम दिया गया है. बड़ी बात यह है कि इसमें इजराइल का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ.
काहिरा में काहिरा शिखर सम्मेलन में फिलिस्तीन से सटे जॉर्डन और लेबनान ने इजरायल के विरोध जमकर आवाज उठाई. जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला ने कहा कि “फिलिस्तीनियों को बेघर करना पूरी अरब कायनात के लिए चिंता की बात है. गाजा पर लगातार बमबारी क्रूर है. यह लोगों के लिए सामूहिक सजा के बराबर है. इजरायल युद्ध अपराध को अंजाम दे रहा है…उसके हमले अंतरराष्ट्रीय और मानवीय कानूनों का उल्लंघन है. जानबूझकर पानी, बिजली और बुनियादी आवश्यकताएं रोकना सही नहीं है..दुर्भाग्य की बात यह है कि पश्चिमी देश ऐसा करने से इजरायल को रोक नहीं रहे.”
जॉर्डन के किंग ने कहा- “इजरायल गाजा में लोगों को भूखा मार रहा है. आज तक उसकी सेना को फिलिस्तीनीयों पर बमबारी के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया गया. हम कह रहे हैं कि इजरायल फिलिस्तीनियों का हक नहीं छीन सकता. उसको यह समझना चाहिए कि उसकी सुरक्षा चिंताओं का कोई मिलिट्री सॉल्यूशन नहीं है.” काहिरा शिखर सम्मेलन में मुस्लिम बहुल देश इजरायली हमलों के विरोध में बोल रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर पश्चिमी देश इजरायल का समर्थन कर रहे हैं.
अरब-मुस्लिम बहुल देशों और पश्चिमी देशों के अलावा काफी देश ऐसे भी हैं जिन्होंने किसी एक का पक्ष नहीं लिया. इजरायल पर हुए आतंकी हमले की भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निंदा की थी, उन्होंने कहा था- दुख की इस घड़ी में भारत इजरायल के साथ खड़ा है. उसके बाद जब इजरायल ने गाजा पर जवाबी कार्रवाई की तो सिविलियन भी मारे जाने लगे. तब भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत शांति बनाए रखने के पक्ष में हैं और फिलिस्तीन को लेकर अब भी वही रूख है जो पहले था. अभी चीन और मिस्र जैसे भी कुछ ऐसे देश हैं, जिन्होंने इजरायल-हमास जंग में न्यूट्रल स्टैंड लिया है.
— भारत एक्सप्रेस
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