
Train hijacked In Pakistan: पाकिस्तान में बलूच लड़ाकों द्वारा जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हाईजैक कर ली गई, 12 मार्च को अंजाम दी गई इस घटना में सैकड़ों पाकिस्तानियों की जान चली गई. मरने वालों में अधिकतर पाकिस्तान सैनिक हैं. वहीं, पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए हमलों में काफी बलूच लड़ाकों के भी मारे जाने की आशंका जताई जा रही है.
व्यापक टकराव की खबरों के बीच पाकिस्तानी हुकूमत की ओर से इस मामले में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया गया है, लेकिन भारत ने आरोपों को सख्ती से नकार दिया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में पाकिस्तान को जमकर धिक्कारा.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि दुनिया जानती है कि आतंकवाद का केंद्र कहां है. ये पाकिस्तान अपनी नाकामियों के लिए दूसरों को दोषी ठहराता रहता है.
पाकिस्तान का आरोप और भारत का खंडन
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने दावा किया था कि जाफर एक्सप्रेस हाईजैक के दौरान शामिल बलूच विद्रोही अफगानिस्तान में अपने सरगनाओं के संपर्क में थे. हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा, “पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान ही ग्लोबल टेररिज्म का केंद्र है.” उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान अपनी आंतरिक समस्याओं और असफलताओं का दोष अन्य देशों पर डालता रहता है.
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का बयान
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने भी पाकिस्तानी सेना के दावे को झूठा करार दिया. BLA के प्रवक्ता ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि पाकिस्तान की सेना ने जिस तरह से बंधकों को रिहा करने का दावा किया है, वह पूरी तरह से गलत है. उनका कहना था कि लड़ाई अब भी बलूचिस्तान के सिबि इलाके में जारी है, और पाकिस्तान की सेना को भारी नुकसान हुआ है. BLA ने यह भी सवाल उठाया कि अगर पाकिस्तान सेना ने बंधकों को सच में रिहा कर लिया है, तो उनकी तस्वीरें क्यों नहीं जारी की गईं.
BLA ने कहा कि उन्होंने युद्ध नैतिकता और अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को छोड़ दिया था. यह कार्रवाई पाकिस्तान की सरकार ने अपने “अचीवमेंट” के रूप में प्रस्तुत की, जो पूरी तरह से झूठी है, क्योंकि उन्होंने बंधकों की रिहाई की कोई तस्वीर जारी नहीं की.
पाकिस्तान का दावा और अफगानिस्तान
इससे पहले पाकिस्तान की सेना ने 13 मार्च को दावा किया था कि उन्होंने 33 बलूच लड़ाकों को मार गिराया और सभी बंधकों को सुरक्षित रिहा कर लिया. हालांकि, पाकिस्तान की यह सफलता भी विवादों में घिर गई. पाकिस्तान ने दावा किया कि बलूच लड़ाके अफगानिस्तान में अपने सरगनाओं के संपर्क में थे और उन्हें वहीं से निर्देश मिल रहे थे. इस पर अफगान सरकार ने साफ तौर पर इस दावे को नकार दिया और पाकिस्तान की दलील को झूठा बताया.
ट्रैन हाईजैक घटनाक्रम और उसकी जांच
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बलूचिस्तान के बोलान जिले में 11 मार्च को बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला किया था. इस हमले में 450 यात्रियों को बंधक बना लिया गया था. BLA ने पाकिस्तान सरकार से बंधकों की रिहाई के बदले जेल में बंद बलूच कार्यकर्ताओं और अन्य राजनीतिक कैदियों की बिना शर्त रिहाई की मांग की थी. इसके बाद पाकिस्तान ने एक रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें ड्रोन और हेलिकॉप्टर की मदद ली गई.
पाकिस्तानी सेना ने 12 मार्च को दावा किया कि उसने 150 बंधकों को रिहा कर लिया था और बाद में शाम तक 190 बंधकों को छुड़ा लिया था. हालांकि, बलूच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तान के दावों को नकारते हुए कहा कि लड़ाई अब भी जारी है, और पाकिस्तान को अपनी हार स्वीकार करनी चाहिए.
ट्रैन हाईजैक पर आरोप-प्रत्यारोप जारी
पाकिस्तान और बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. पाकिस्तान ने बलूच लड़ाकों पर भारत से मदद प्राप्त करने का आरोप लगाया, जबकि BLA ने पाकिस्तानी सेना के दावों को झूठा बताया. इन घटनाओं ने पाकिस्तान के अंदरूनी मुद्दों और संघर्ष को एक बार फिर से उजागर किया है, और यह दर्शाता है कि कैसे बाहरी आरोपों और मीडिया में बयानबाजी के जरिए अपनी असफलताओं को छिपाने की कोशिश की जा रही है.
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