
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. अपनी इस यात्रा के दौरान उन्होंने मॉरीशस के राष्ट्रपति धर्मबीर गोखूल और प्रथम महिला बृंदा गोखूल को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और कृषि परंपरा से जुड़े विशेष उपहार भेंट किए. इन उपहारों में बिहार का प्रसिद्ध मखाना भी शामिल था, जिसे एक सुपरफूड के रूप में जाना जाता है.
मखाना को फॉक्स नट के रूप में भी जाना जाता है. यह भारत के सबसे पोषक खाद्य पदार्थों में से एक है. यह न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है. यह वजन घटाने में सहायक होता है, हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है.
मखाना की ऐतिहासिक विरासत
मखाना का उत्पादन मुख्य रूप से बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में किया जाता है, खासकर मधुबनी और दरभंगा जिलों में. बिहार अकेले देश के कुल मखाना उत्पादन का 90% से अधिक योगदान देता है. यह क्षेत्र पारंपरिक रूप से मखाना की खेती के लिए प्रसिद्ध रहा है, जहां पीढ़ियों से किसान इसे अपने पारंपरिक तरीकों से उगाते आए हैं.
मखाना की खेती का इतिहास 18वीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है. कहा जाता है कि तत्कालीन दरभंगा महाराज के शासनकाल में मधुबनी और दरभंगा में मखाना की खेती बड़े स्तर पर की जाती थी. उस समय किसानों को प्रति एकड़ मात्र 3 रुपये का लाभ होता था, लेकिन आज इसकी मांग बढ़ने से यह उद्योग किसानों के लिए लाभदायक साबित हो रहा है.
भारत सरकार की मखाना किसानों के लिए योजनाएं
हाल ही में भारत सरकार ने 2025 के केंद्रीय बजट में बिहार में एक समर्पित मखाना बोर्ड स्थापित करने की घोषणा की है. इसका उद्देश्य मखाना उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन को बढ़ावा देना है, जिससे किसानों को संगठित समर्थन मिल सके और उनकी आय में वृद्धि हो.
इसके अलावा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने एक उच्च गुणवत्ता वाली मखाना किस्म ‘स्वर्ण वैदेही’ विकसित की है, जिसे किसानों को बेहतर उपज और गुणवत्ता के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है. पारंपरिक खेती के स्थान पर अब अक्वा फार्मिंग जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाया जा रहा है, जिससे कम समय में उच्च गुणवत्ता वाला मखाना तैयार किया जा सकता है.
बिहार का मखाना अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी जगह बना चुका है. यह पाकिस्तान, कनाडा, चीन, मलेशिया और बांग्लादेश जैसे देशों में निर्यात किया जा रहा है. बढ़ती मांग को देखते हुए भारत सरकार मखाना को एक ब्रांड के रूप में विकसित करने और इसके निर्यात को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है.
मॉरीशस और भारत के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंध हैं. मॉरीशस की बड़ी आबादी भारतीय मूल की है, जिससे दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंध बने हुए हैं. पीएम मोदी की यह यात्रा न केवल दोनों देशों के आपसी संबंधों को मजबूत करने का अवसर है, बल्कि यह भारतीय कृषि उत्पादों और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का भी एक महत्वपूर्ण कदम है.
-भारत एक्सप्रेस
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