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पाकिस्तान में लग सकता है फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन, दिया गया यह तर्क

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन पर बैन की वकालत करने वाला एक प्रस्ताव पाकिस्तान की सीनेट तक पहुंच गया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

पाकिस्तान में नई सरकार के गठन के बाद से ही एक के बाद एक फैसले लिए जा रहे हैं. वहीं इसी क्रम में अब पाकिस्तान में फेसबुक, टिकटॉक, इंस्टाग्राम , एक्स और यूट्यूब सहित प्रमुख सोशम मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी की जा रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन पर बैन की वकालत करने वाला एक प्रस्ताव पाकिस्तान की सीनेट तक पहुंच गया है. सीनेट सचिवालय के दस्तावेजों के अनुसार, जो जानकारी सामने आ रही है उसमें सोमवार के सत्र के दौरान बहस के लिए प्रस्ताव निर्धारित किया गया है. कहा जा रहा है कि इसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को इन प्लेटफार्मों के नकारात्मक प्रभावों से बचाना है.

लोगों के बीच नफरत फैलाने का आरोप

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी ) से जुड़े सीनेटर बहरामानंद खान तांगी सीनेट में यह प्रस्ताव लाने के लिए तैयार हैं. उन्हें पिछले महीने पीपीपी द्वारा निष्कासित कर दिया गया था, प्रस्ताव में इस बात का तर्क दिया गया है कि ये डिजिटल प्लेटफॉर्म “हमारे धर्म और संस्कृति” के विपरीत मानदंडों को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे “भाषा और धर्म के आधार पर लोगों के बीच नफरत” पैदा हो रही है. इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि सशस्त्र बलों के खिलाफ “नकारात्मक और दुर्भावनापूर्ण प्रचार” फैलाने के लिए ऐसे प्लेटफार्मों का उपयोग करना देश के हितों के खिलाफ है.

झूठ का सहारा लेते हैं ये प्लेटफॉर्म

प्रस्ताव में आरोप लगाया गया है कि ये प्लेटफॉर्म विभिन्न मुद्दों के बारे में फर्जी खबरें फैलाने और युवा पीढ़ी को धोखा देने के लिए झूठ का सहारा लेते हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 8 फरवरी को आम चुनावों के बाद न्यायपालिका और प्रतिष्ठान के खिलाफ व्यापक प्रतिक्रिया के बाद, प्रमुख सोशल मीडिया वेबसाइटों पर व्यापक प्रतिबंध के लिए यह प्रयास एक्स, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था, में चल रहे व्यवधानों के साथ मेल खाता है.

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तांगी के प्रस्ताव से पार्टी ने खुद को किया अलग

पीपीपी ने तांगी के प्रस्ताव से खुद को अलग कर लिया है और कहा है कि उन्हें पार्टी के नाम का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए. पीपीपी के वरिष्ठ नेता नैय्यर बुखारी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट किया कि पार्टी ने टांगी से संबंध तोड़ दिए हैं और उन्हें पार्टी की नीति से हटने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. तांगी के निष्कासन के बावजूद, पार्टी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वह अभी भी पीपीपी के नाम का उपयोग कर रहे हैं. बुखारी ने खुलासा किया कि तांगी, जिनकी मूल सदस्यता समाप्त कर दी गई है, 11 मार्च को सीनेट से सेवानिवृत्त होने वाले हैं. पार्टी ने उनसे पीपीपी के साथ जुड़ने से परहेज करने का आग्रह किया, उनकी मूल सदस्यता समाप्त करने और कारण बताओ नोटिस जारी करने पर जोर दिया.

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