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खतरे में सुनीता विलियम्स की जान? दावा: सुरक्षित लैंडिंग में तीन बड़े जोखिम

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की धरती पर वापसी एक ऐतिहासिक घटना है, लेकिन ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की सुरक्षित लैंडिंग के लिए कई तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.

sunita williams

Dragon Spacecraft Landing: अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर आज 9 महीने 13 दिन बाद अंतरिक्ष से धरती पर वापस लौट रहे हैं. स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट इन दोनों को लेकर धरती की ओर बढ़ रहा है. यह स्पेसक्राफ्ट अमेरिका के फ्लोरिडा तट पर समुद्र में लैंड करेगा. हालांकि, यह लैंडिंग जितनी रोमांचक है, उतनी ही जोखिम भरी भी है.

अंतरिक्ष विज्ञान के विशेषज्ञों ने ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की सुरक्षित लैंडिंग में आने वाली संभावित बाधाओं के बारे में बताया है. आइए जानते हैं कि इस महत्वपूर्ण मिशन के दौरान किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.

अगर स्पेसक्राफ्ट का एंगल बिगड़ गया तो क्या होगा?

अंतरिक्ष विशेषज्ञ और यूएस मिलिट्री के पूर्व स्पेस सिस्टम कमांडर रूडी रिडोल्फ ने डेली मेल को दिए एक साक्षात्कार में बताया कि स्पेसक्राफ्ट की सुरक्षित लैंडिंग के लिए उसका एंगल बेहद महत्वपूर्ण होता है. अगर ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से अलग होने के बाद धरती के वायुमंडल में प्रवेश करते समय सही एंगल में नहीं रहा, तो यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है.

धरती के गुरुत्वाकर्षण में प्रवेश करते समय स्पेसक्राफ्ट की गति 27,000 किलोमीटर प्रति घंटे से कम होने लगती है. इस दौरान अगर एंगल में जरा-सी भी गड़बड़ी हुई, तो दो संभावनाएं हैं. पहला, अगर एंगल बहुत तीखा हो गया, तो वायुमंडल के साथ घर्षण बढ़ेगा, जिससे तापमान 1,500 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है.

इससे स्पेसक्राफ्ट की हीट शील्ड जल सकती है और पूरा स्पेसक्राफ्ट आग का गोला बनकर नष्ट हो सकता है. दूसरा, अगर एंगल बहुत उथला रहा, तो स्पेसक्राफ्ट वायुमंडल से टकराकर अंतरिक्ष में वापस चला जाएगा और किसी अनिश्चित कक्षा में फंस सकता है. ऐसी स्थिति में इसे ढूंढना और वापस लाना लगभग असंभव हो जाएगा.

थ्रस्टर्स फेल होने का खतरा

रूडी रिडोल्फ के अनुसार, ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की सुरक्षित लैंडिंग में दूसरी बड़ी चुनौती थ्रस्टर्स की विफलता हो सकती है. सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर जब स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष गए थे, तब इसके थ्रस्टर्स फेल होने के कारण वे आईएसएस पर फंस गए थे. अब ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में 16 ड्रैको थ्रस्टर्स लगे हैं, जो इसकी गति और दिशा को नियंत्रित करते हैं.

प्रत्येक ड्रैको थ्रस्टर 400 न्यूटन बल उत्पन्न करता है, और ये मिलकर 2,400 न्यूटन बल के साथ स्पेसक्राफ्ट को धरती तक पहुंचाने में मदद करते हैं. अगर ये थ्रस्टर्स फेल हो गए, तो स्पेसक्राफ्ट की बिजली और ऑक्सीजन सप्लाई प्रभावित होगी. ऐसी स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों को थ्रस्टर्स को दोबारा शुरू करना होगा, जो एक जटिल रेस्क्यू ऑपरेशन होगा. इसके लिए उनके पास बेहद कम समय होगा.

पैराशूट नहीं खुलने की स्थिति में खतरा

ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग के दौरान तीसरी बड़ी चुनौती पैराशूट से जुड़ी है. विशेषज्ञों के अनुसार, स्पेसक्राफ्ट में 6 पैराशूट हैं, जो इसकी सुरक्षित लैंडिंग के लिए जरूरी हैं. जब स्पेसक्राफ्ट धरती से 6,000 फीट की ऊंचाई पर होगा, तो इसके 2 ड्रोग पैराशूट खुलेंगे, जो इसे स्थिर रखेंगे. इसके बाद 1,800 फीट की ऊंचाई पर 4 मुख्य पैराशूट खुलेंगे.

अगर ये पैराशूट सही समय पर नहीं खुले, तो समुद्र में होने वाला स्पलैशडाउन खतरनाक हो सकता है. स्पेसक्राफ्ट तेज गति से पानी से टकरा सकता है, जिससे अंतरिक्ष यात्री और स्पेसक्राफ्ट दोनों को नुकसान पहुंच सकता है.


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-भारत एक्सप्रेस



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