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Dalai Lama ने बुद्ध पूर्णिमा पर दिया खास संदेश, कहा- ऐसा जीवन जिएं जिसमें लोक कल्याण की भावना निहित हो

Dalai Lama on Buddha Purnima: 5 मई 2023 को देशभर में बुद्ध पूर्णिमा धूमधाम से मनाई गई. वहीं देश दुनिया के तमाम मठों में भी बुध पूर्णिमा के दिन खासी रौनक दिखी.

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तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा

Dalai Lama on Buddha Purnima: 5 मई 2023 को देशभर में बुद्ध पूर्णिमा धूमधाम से मनाई गई. वहीं देश दुनिया के तमाम मठों में भी बुध पूर्णिमा के दिन खासी रौनक दिखी. बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान गौतम बुद्ध का जन्मदिवस मनाया जाता है. भगवान बुद्ध को बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई थी. इस दिन मंदिरों और बौद्ध मठों में पूजा और ध्यान होता है. तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने भी इस अवसर पर लोगों को बधाई दी. इस पावन अवसर पर उन्होंने लोगों से अपील की कि वह लोगों से सौहार्दपूर्ण व्यवहार करें और एक ऐसा जीवन जिएं जिसमें लोक कल्याण की भावना निहित हो और इसके प्रति उनका समर्पण भाव हो.

समर्पित जीवन शांति और सद्भाव की कुंजी

बुध पूर्णिमा के अवसर पर दलाई लामा ने अपने संदेश में कहा कि सौहार्दपूर्ण व्यवहार तथा दूसरों के कल्याण के लिए समर्पित जीवन दुनिया में शांति और सद्भाव की कुंजी है. उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध द्वारा दी गई शिक्षाएं अंतरिक्ष की तरह अनंत संवेदनशील प्राणियों के लाभ के लिए मन को अनुशासित करने के निर्देश हैं. वहीं उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध की शिक्षाओं के केंद्र में करुणा और ज्ञान का संयुक्त समावेश है. बुद्ध पूर्णिमा पर दलाई लामा ने कहा , ‘‘भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण के इस शुभ स्मरण पर, मुझे दुनिया भर के साथी बौद्ध अनुयाइयों को बधाई देते हुए प्रसन्नता हो रही है. ’’

हिमाचल प्रदेश में बुद्ध पूर्णिमा

हिमाचल प्रदेश में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर जहां कई मठों में भगवान बुद्ध द्वारा दी गई शिक्षाओं का स्मरण किया गया वहीं शिमला के दोरजे ड्रैक मठ में बुद्ध पूर्णिमा धूमधाम से मनाई गई. मठ में खास समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें तिब्बती लोक संस्कृति से जुड़े कलाकारों ने तिब्बती नृत्य की प्रस्तुति भी दी. समारोह में तमाम बौद्ध भिक्षु और कई क्षेत्रों के लोग शामिल हुए.

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तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने कहा कि जितना अधिक हम दूसरों के कल्याण की चिंता करेंगे, उतना ही हम दूसरों को अपने से ज्यादा प्रिय मानेंगे. हम उन्होंने कहा, ‘‘आज दुनिया के सभी आठ अरब लोग खुश रहने और दुख से बचने की चाह में एक समान हैं. ’’

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